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खुशियों से सराबोर खूबसूरत वसंत

तृप्ति तोमर `तृष्णा`
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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आया मनभावन बसंत…


पीली-पीली सरसों से घिर आया खेत,
जैसे किसी मरुस्थल पर बिखरती रेत।

पीली धानी-सी चादर ओढ़ कर आया वसंत,
चमकती ओस की बूंदों से सजी जगमगाती रात।

नीली है धरती, नीला है आसमान
क्षितिज तक फैले हैं दोनों धरा और गगन।

रंग-बिरंगे खिल रहे हैं फूल और कलियाँ,
अपनी ही मस्ती में लहलहाते खेत और खलिहान।

तीज-त्यौहार-पर्व खुशियों से सराबोर है खूबसूरत वसंत,
सब ही जगह कर रहे मांगलिक कार्य ऋषि-मुनि और संत।

चारों ओर फैला है खुशबू का मंजर,
मानों चारों तरफ़ फैली हो हरियाली की लहर॥

परिचय–तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं। यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि १६ नवम्बर एवं जन्म स्थान-विदिशा (मप्र) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। पीजीडीसीए व एम. ए. शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। यह अधिकतर कविता लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है। कुछ स्पर्धा में प्रथम भी आ चुकी हैं।