कुल पृष्ठ दर्शन : 318

You are currently viewing दीपावली पर्व

दीपावली पर्व

डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’
रायपुर(छत्तीसगढ़)
*******************************************

दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष ……

आओ दीप जलायें,
अंतर्मन को पावन बनायें।
शुभ कर्म की कांति से,
जीवन को हम महकायें॥

अपनी मानवता को कभी,
ऐसे न डगमगायें।
जलते दीपक की लौ भाँति,
औरों के जीवन में,प्रकाश फैलाएँ॥

घर-घर में दीये जल रहे,
मिठाई-पटाखे से,बाजार सजे हैं।
साज-सजावट से लगे आशियाना,
मानो नव श्रृंगार किए हैं॥

जिनके तन पे कपड़े नहीं,
वो कैसे मनायें दिवाली।
जीवन है अभावों से घिरा,
फिर भी चेहरों पर,है खुशहाली॥

मिलकर हम सहयोगी बनें,
गले से उन्हें लगायें।
उनके घर-आँगन रोशन कर,
मानवता का दीप जलायें॥

जीवन के कुछ पल देकर,
उनके हृदय में आनंद जगाएँ।
दीपावली के पावन पर्व पर,
उनके दामन में खुशियाँ भर जायें॥

मन भेद को दूर कर,
प्रेम-भाव का दीप जलायें।
निर्मल मन से सब मिलकर,
दीपोत्सव का पर्व मनायें॥

परिचय-श्रीमति डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ का जन्म स्थान जिला रायगढ़(छग)स्थित खुड़बेना (सारंगढ़) तथा तारीख २५ मई १९८५ है। वर्तमान में रायपुर स्थित कैपिटल सिटी (फेस-३) सड्डू में निवासरत हैं,जबकि स्थाई पता-जैजैपुर (बाराद्वार-जिला जांजगीर चाम्पा,छग) है। छत्तीसगढ़ राज्य निवासी श्रीमती चंद्रा ने एम.ए.(हिंदी),एम.फिल.,सेट (हिंदी)सी.जी.(व्यापमं)की शिक्षा हासिल की है। वर्तमान में पी-एच.डी. की शोधार्थी(हिंदी व्यंग्य साहित्य) हैं। गृहिणी व साहित्य लेखन ही इनका कार्यक्षेत्र है। लेखनविधा-कहानी, कविता,हाइकु,लेख(हिंदी,छत्तीसगढ़ी)और निबन्ध है। विविध रचनाओं का प्रकाशन कई प्रतिष्ठित दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में छत्तीसगढ़ सहित अन्य में हुआ है। आप ब्लॉग पर भी अपनी बात रखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि -विभिन्न साहित्यिक राष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी,शोध-पत्र,राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में १३ शोध-पत्र प्रकाशन व साहित्यिक समूहों में सतत साहित्यिक लेखन है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को लोगों तक पहुँचाना व साहित्य का विकास करना है।

Leave a Reply