एस.के.कपूर ‘श्री हंस’
बरेली(उत्तरप्रदेश)
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दुनिया जहान में आला,मैं हिंदुस्तान हूँ,
सारे जग से ही निराला,मैं हिंदुस्तान हूँ।
विरासत लेकर चल रहा हूँ,संस्कार संस्कृति की-
प्रेम अमन का भरा प्याला,मैं हिंदुस्तान हूँ॥
अतिथि देवो भव आचरण,मैं हिंदुस्तान हूँ,
ध्यान ज्ञान मंत्र उच्चारण,मैं हिंदुस्तान हूँ।
संकल्पना आत्म निर्भरता,का उदाहरण हूँ मैं-
बड़े-बुजुर्गों का वंदन चारण,मैं हिंदुस्तान हूँ॥
महाभारत की महा हाला,मैं हिंदुस्तान हूँ,
वेदों की देव दीप शाला,मैं हिंदुस्तान हूँ।
एक सौ पैंतीस कोटि आशीर्वाद,अग्रसर कर्मपथ पर-
शत्रुओं लिए भीषण ज्वाला,मैं हिंदुस्तान हूँ॥
संत ऋषि मुनियों माटी का,मैं हिंदुस्तान हूँ,
शौर्य गाथाओं हल्दी घाटी का,मैं हिंदुस्तान हूँ।
वसुधैव कुटुम्बकम पड़ोसी हूँ,धर्म पालन कर्ता-
विविधता में एकता चौपाटी,का मैं हिंदुस्तान हूँ॥
तेजी से विकास राज-दुलारा,मैं हिंदुस्तान हूँ,
विश्वगुरु शांति दूत का उजाला,मैं हिंदुस्तान हूँ।
सारे जग में शान अद्धभुत,मेरी निराली है-
दुनिया की आँख का तारा,मैं हिंदुस्तान हूँ॥