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नया साल जीवन्त पल

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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नव वर्ष विशेष…..


हर साल के बाद,
नया साल आता है
जन-जन में खुशहाली,
की बरसात लाता है।

उन्नत भाव से पूर्ण,
सौगात लाता है
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी से,
तर-बतर कर जाता है।

सुन्दर सन्देश है,
नया साल उपदेश है
नया साल उमंग है,
ज़िन्दगी की सुगंध है।

पुष्पित पल्लवित संसार है,
जीवन मंत्र की बहार है
नवजीवन त्योहार है,
उल्लासित मन व्यवहार है।

नया साल उपदेश है,
प्रगति पथ का सन्देश हो
नया साल मुबारक हो,
जीवन में खुशहाली हो।

आगे बढ़ते हुए एक उन्नत,
जीवंत सुखमय रहने का
सुखद अभियान है,
उल्लासित अहसास
सुखमय उत्साह है व,
पुराने साल का अवसान है।

नवजीवन नवीनतम,
प्रगति का विश्वास है
खुशियाँ बटोरने के लिए,
नया साल जीवन्त पल का
खूबसूरत अहसास है।

प्रकृति प्रेम भाव से,
नया साल आया है
संगीतमय मुहूर्त में,
खूब बहार लाया है।

सात्विक विचारों संग,
यह जगत जननी है
पर्यावरण संरक्षण पर,
एक नज़र रखनी है।

नए उद्यम नए प्रयास,
नया साल का रूप है
जीवंत भाव व पूर्ण विश्वास,
नया साल एक अद्भुत
अपूर्व स्वरूप है।

उत्तम उपचार संग,
अनमोल उपहारों का
सर्वोत्तम पुरस्कार है,
नवीनतम कथानक लिखने का
जीवन मंत्र-सा अवतार है।

‘नया साल सिखाता है’,
एक लोकप्रिय कहावत है
समग्र संसार में यह,
ज़िन्दगी की अदावत है।

नया साल नया अंदाज है,
ज़िन्दगी का शिखर
उज्जवल सरताज है,
दोस्तों को देखकर खुश
होने का उच्च विचार,
व नहीं रहता किसी पल
यहां किसी का मोहताज है।

संगत और मिलनसार,
स्वभाव व आचार है
नया साल नव वर्ष,
नवीनतम और नवीन
स्वर्णिम उपहार है।

सारे सच के प्रयास से,
उत्कृष्ट पल बन जाता है
नया साल नई संस्कृति को,
आगे खूब बढ़ाता है
सम्पूर्णता के रस में शहद-सा,
सबमें घुल-मिल जाता है।

अपने-अपने,प्रियजनों से यह,
मिलने का त्योहार है
नजदीकी सम्बन्धी से,
सम्पूर्णता संग यह
मिलने का संस्कार है।

नया साल नूतन वर्ष भी,
गहराई से कहलाता है
ज़िन्दगी से तर-बतर करने,
का एक अपूर्व भाव भी
खूब हमें बतलाता है।

नया साल मुबारक,
यह हर साल खुशियां संग
अपना परचम लहराता है,
सारा सच का उत्तम उद्यम
सबको खुश रखना,
सही-सही सिखाता है।

सारा सच सुसंस्कृत,
उन्नत औजार है
नए साल को यादगार,
अपूर्व बनाने का
सुन्दर उपहार है।

समय परिवर्तन एक रूप है,
ज़िन्दगी का अनूठा स्वरूप है
आओ हम-सब मिलकर,
एक जीवंत शहर बनाएं।
सुदूर गाँवों में जाकर,
नए साल का उत्सव मनाएं॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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