अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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नव वर्ष विशेष…..
ये बरस भी कुछ उस बरस-सा चला गया,
कुछ छूटा तो किसी को दिल से मिला गया।
होगा लेना फिर संकल्प नई उड़ान का,
करना है पूरा सपना मुझे आसमान का।
कोई रूठे,छूटे,लूटे तो भी सफर नहीं रुकता,
नाराज हो जमीं तो भी आसमाँ नहीं झुकता।
नए पंख हैं नए साल में मेरा हौंसला देखना,
पानी है नई कामयाबी,आप मंजिल देखना।
हर्षित तन-मन,स्वागत नई तारीख का करें हम,
नव प्रकाश से वंदन नई तारीख का करें हम॥