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नव युग का निर्माण करें

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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आओ मिल कर काम करें,जग में हिंद का नाम करें,
भेद-भाव ना रहे किसी में,नव युग का निर्माण करें।

सब मिल बोलें जय भारत माता,खुद पर भी अभिमान करें,
बेमिसाल हो धरा हिंद की,नव युग का निर्माण करें…।

नफ़रत छोड़कर दिल को जोड़ो,एक-दूजे का सम्मान करें,
बैरी हमसे थर-थर काँपे,नव युग का निर्माण करें…।

भारत भूमि है ऋषि-मुनियों की,उनका हम गुणगान करें,
राम श्याम के प्रेम की नगरी,नव युग का निर्माण करें…।

यह धरती संवरु लोरीक की,आल्हा ऊदल का हम सम्मान करें,
सपना पूरा सरदार पटेल का,नव युग का निर्माण करें…।

बहती नदियों की पावन धारा,मन में हम पावन सोंच धरें,
हिमगिरि से पाठ लें अटलता का,नव युग का निर्माण करें…।

मर्यादा हम राम से सीखें,सिया के सतीत्व का मान करें,
समदर्शी हो महीप हमारा,नव युग का निर्माण करें…।

दया-करुणा हो शेख अयाज-सी,सुलेमान का हम गुणगान करें,
कृष्ण की वंशी बजे मधुबन में,नव युग का निर्माण करें…।

सभी मनुष्य मनु के वंशज हैं,भाई-भाई से प्यार करें,
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर,नव युग का निर्माण करें…।

यह भारत तो तपोभूमि है,क्रोध-लोभ का त्याग करें,
यह धरती ही स्वर्ग बनेगी,नव युग का निर्माण करें…।

कहे ‘उमेश’ भारत की सोचें,तिरंगे का सम्मान करें,
देशभक्ति ही कर्तव्य है अपना,नव युग का निर्माण करें…।

स्वच्छ रहेंहरियाली हरदम,प्रकृति का पल-पल ध्यान करें,
जल थल नभ और स्वच्छ पवन हो,नव युग का निर्माण करें…।

कहे उमेश हे दीनदयाला,दया दृष्टि अपार करें,
भारत हो जाए धर्म की नगरी,नव युग का निर्माण करें…॥

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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