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पापा याद बहुत आप आते हैं

गोपाल मोहन मिश्र
दरभंगा (बिहार)
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पिता दिवस विशेष….

माँ को गले लगाते हो, कुछ पल मेरे भी पास रहो,
“पापा याद बहुत आप आते हैं” कुछ ऐसा भी मुझे कहो
मैंने भी मन में जज़्बातों के तूफान समेटे हैं,
ज़ाहिर नहीं किया, न सोचो पापा के दिल में प्यार न हो।

है समाज का नियम भी ऐसा, पिता सदा गम्भीर रहे,
मन में भाव छुपे हो लाखों, आँखों से न नीर बहे
करे बात भी रुखी-सूखी, बोले बस बोल हिदायत के,
दिल में प्यार है माँ जैसा ही, किंतु अलग तस्वीर रहे।

भूली नहीं मुझे है अब तक, तुतलाती मीठी बोली,
पल-पल बढ़ते हर पल में, जो यादों की मिश्री घोली
कंधों पे वो बैठ के जलता रावण देख के खुश होना,
होली और दीवाली पर तुम बच्चों की अल्हड़ टोली।

माँ से हाथ-खर्च मांगना, मुझको देख सहम जाना,
और जो डाँटू ज़रा कभी, तो भाव नयन में थम जाना
बढ़ते कदम लड़कपन को कुछ मेरे मन की आशंका,
पर विश्वास तुम्हारा देख मन का दूर वहम जाना।

कॉलेज के अंतिम उत्सव में मेरा शामिल न हो पाना,
ट्रेन हुई आँखों से ओझल, पर हाथ देर तक फहराना
दूर गए तुम अब, तो इन यादों से दिल बहलाता हूँ,
तारीखें ही देखता हूँ बस, कब होगा अब घर आना!

अब के जब तुम घर आओगे, प्यार मेरा दिखलाऊंगा,
माँ की तरह ही ममतामयी हूँ, तुमको ये बतलाऊंगा।
आकर फिर तुम चले गए, बस बात वही दो-चार हुई,
पिता का पद कुछ ऐसा ही है, फिर खुद को समझाऊंगा॥

परिचय–गोपाल मोहन मिश्र की जन्म तारीख २८ जुलाई १९५५ व जन्म स्थान मुजफ्फरपुर (बिहार)है। वर्तमान में आप लहेरिया सराय (दरभंगा,बिहार)में निवासरत हैं,जबकि स्थाई पता-ग्राम सोती सलेमपुर(जिला समस्तीपुर-बिहार)है। हिंदी,मैथिली तथा अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखने वाले बिहारवासी श्री मिश्र की पूर्ण शिक्षा स्नातकोत्तर है। कार्यक्षेत्र में सेवानिवृत्त(बैंक प्रबंधक)हैं। आपकी लेखन विधा-कहानी, लघुकथा,लेख एवं कविता है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। ब्लॉग पर भी भावनाएँ व्यक्त करने वाले श्री मिश्र की लेखनी का उद्देश्य-साहित्य सेवा है। इनके लिए पसंदीदा हिन्दी लेखक- फणीश्वरनाथ ‘रेणु’,रामधारी सिंह ‘दिनकर’, गोपाल दास ‘नीरज’, हरिवंश राय बच्चन एवं प्रेरणापुंज-फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शानदार नेतृत्व में बहुमुखी विकास और दुनियाभर में पहचान बना रहा है I हिंदी,हिंदू,हिंदुस्तान की प्रबल धारा बह रही हैI”

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