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प्रेम का प्याला श्री कृष्ण

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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कृष्ण जन्माष्टमी….

सुनो-सुनो सखी आ रहे हैं कृष्ण मुरारी,
संभल-संभल के रहना सभी ब्रज की नारी।

देखने में श्री कृष्ण छोटा-छोटा भोला-भाला है,
मगर अंतर्मन से श्री कृष्ण प्रेम का प्याला है।

नन्द जी का लाला है,वह माखन चुराने वाला है,
थोड़ी-सी आहट पा के,प्रेम को लुटाने वाला है।

सुनती हूँ मैं श्री कृष्ण में देव शक्ति बहुत है,
यकीन ना मानो तो महाभारत में सबूत है।

श्री कृष्ण अंतर्यामी मन की बातें जानते हैं,
पुकारने पर श्री कृष्णा दौड़े चले आते हैं।

श्री कृष्ण जी भगवान है,प्रेम के पुजारी हैं,
उनके सामने धरा का हर जीव भिखारी है।

श्री कृष्ण सदा बचपन से मित्रता निभाते हैं,
श्री कृष्ण भगवान होकर भी गौ चराते हैं।

बहुत ही नटखट हैं,रंगीले हैं कृष्ण कन्हैया,
हमेशा तंग रहती है कृष्ण की यसोदा मैया॥

परिचय-श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।

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