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बताओ कौन है श्रेष्ठ…?

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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देखो वह रामलाल का लाल,
लाल बाबू है बड़ा ही कमाल
बचपन से ही पढ़ने में तेज,
पढ़ाई बिना लगाता नहीं सेज।

पढ़ता वह मन लगाकर दिन-रात,
गुरूजन भी देते उनका सदा साथ
साथ पा पढ़ाई हुई उनकी पूरी,
करने लगा अब नौकरी की तैयारी।

तैयारी उसकी लाने लगी रंग,
जीवन में अब छाई उमंग
बाबू बन गया अफसर सरकारी,
फिर शुरू हुई विवाह की तैयारी।

एक से एक रिश्ते आए,
जाँच की सबकी रामलाल ने
पसंद आई एक श्याम की लाली,
लाली थी तेज, सुन्दर, संस्कारों वाली।

रिश्ता होने लगा दोनों का तय,
रामलाल को सुन श्याम को लगा भय
दहेज़ में मांगी गई मोटी रकम,
रामलाल को न आई शरम।

श्याम हुआ बिल्कुल मजबूर,
कोशिश करने लगा भरपूर
सोचा घर-बार बेच करेंगे सगाई,
एकमात्र उद्देश्य बेटी की विदाई।

रिश्ता हो गया दोनों का तय
फिर भी कुछ लग रहा था भय
सोचा लड़का-लड़की मिल बात करें,
एक-दूसरे को जान आत्मसात करें।

मिलते ही लड़की ने रखी शर्त,
शादी के बाद अलग दुनिया बसाएंगे
सास-ससुर को वृद्धाश्रम छोड़ आएंगे,
आपसे माता-पिता की सेवा करवाएंगे।

लाल बोला-पिता का मुझ पर है कर्ज,
बोली लाली-पूरा हो गया सारा फर्ज
कर्ज के लिए वो मांग लिए हैं दहेज़,
पूरा करके पिता लेंगे आपको सहेज।

मानती सास-ससुर की सेवा,
सदा बहू का है परम कर्तव्य
पर दहेज लेना है महापाप,
सभी जान लो यह सत्य।

रिश्ता तोड़ लाल भाग गया,
मेरे मन में कई प्रश्न जाग गए
लाल और लाली में कौन श्रेष्ठ ?
कौन है उन्नति के लिए श्रेष्ठ।
करता हूँ सबसे रिक्वेस्ट,
बताओ यहाँ कौन है श्रेष्ठ…?

परिचय-साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैl जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैl भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैl साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैl सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंl लेखन विधा-कविता एवं लेख हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंl विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।