कुल पृष्ठ दर्शन : 140

You are currently viewing बुद्ध की खोज ही विश्व शान्ति का एकमात्र समाधान

बुद्ध की खोज ही विश्व शान्ति का एकमात्र समाधान

अल्पा मेहता ‘एक एहसास’
राजकोट (गुजरात)
***************************************

आपको लगता है कि बुद्ध को राजनीति की समझ नहीं थी ? पिता शुद्धोधन के इतने प्रयास के बाद भी उनका मोह सत्ता और राजपाट से ऐसे ही छूट गया ? आपको लगता है कि बुद्ध को इतनी समझ नहीं थी जितनी मार्क्स,लेनिन,मोदी और ट्रम्प को है इस दुनिया की ?
बुद्ध ने इन सबसे आगे का सोचा था..। सत्ता और राजनीति जैसी आज है,वैसी ही बुद्ध के समय में भी थी..। उस समय भी शुद्धोधन और उनके वंश ‘शाक्य’ की साख दांव पर लगी रहती थी..। उनके लोगों को भी गर्व होता था शाक्य होने पर..। वो भी ऐसे थे.. हम और आप जैसे..। बुद्ध ने अपने पिताऔर उनकी सत्ता को समझ लिया था..। उन्हें पता था कि आज इन्हें शाक्य होने पर गर्व है..,कल हिन्दू होने पर होगा.. फिर मुसलमान होने पर होगा.. फिर भारतीय और नेपाली.. फिर भाजपाई और कांग्रेसी.. फिर राष्ट्रवादी और राष्ट्रद्रोही.. कम्युनिस्ट और आजाद होने पर गर्व..। ये इनका गर्व और इनकी नीति कभी रुकने वाली नहीं है और यही पीड़ा है सारी..। जो बुद्ध के समय शाक्य नहीं थे,वो पीड़ित थे..। जो आज कहीं और अल्पसंख्यक हैं,वो पीड़ित हैं।
इसलिए बुद्ध की समझ आपसे कहीं गहरी थी..। वो पलायनवादी नहीं थे,वो आपकी मूढ़ताओं से पलायन चाहते थे..। आपको लगता है कि उनको भी आपके जैसे धरने-प्रदर्शन कर के जीवन बिता देना चाहिए था..। गरीबों की सेवा करते और सरकार के विरोध या समर्थन में जीवन लगा देते तो सही था..। नहीं..,कुछ भी नहीं बदलता इससे..। बुद्ध ने इन सारी परेशानियों की जड़ को ढूंढने की कोशिश की और आपको उसका समाधान दिया।
इसलिए,मेरा कोई भी ध्यान आपकी इस राजनीति में नहीं होता है..। मुझे पता है कि समस्या कहीं और है..। आपकी इतनी क्रांतियों के बावजूद समूचे विश्व में कभी शान्ति स्थापित नहीं हो पाई है..,और एक आग विश्व में कहीं जलती है तो धीरे-धीरे आपकी कुछ दिनों की तथाकथित शान्ति को चपेट में ले लेती है..। आपको लगता है कि समाधान किसी के सत्ता में होने या निकल जाने से होगा तो,ऐसा कुछ भी नहीं है।
ये जो मूर्छित लोगों द्वारा शान्ति मार्च निकाले जाते हैं,इनका कोई मोल होता नहीं है दरअसल..। बुद्ध के पिता भी मूर्छित ही थे..,शाक्यों के रक्षक..। आपके नेता भी वही हैं..। आपके समाचार और बड़े-बड़े बुद्धिजीवी वही हैं..। आपको लगता है कि ये लोग आपको समाधान दे रहे हैं,मगर ऐसा कुछ है नहीं..,अंधा अंधे को रास्ता दिखा रहा है बस।
बुद्ध ही एकमात्र उपाय है..। बुद्ध को और करीब से जानना शुरू कीजिए.. जानिए कि मूल क्या है हमारे विश्व की इस अफरा-तफरी का..। क्या मनोविज्ञान काम कर रहा है इन सबके पीछे,और क्या समाधान है जो बुद्ध ने सुझाया है..। ईश्वर से परे बुद्ध की खोज ही विश्व शान्ति का एकमात्र समाधान है.., अपने बच्चों को इसे बताईए..। उन्हें योगी और ओवैसी से दूर ले जाईए.. ये सब मूर्छित और उतने ही मंद बुद्धि हैं,जितना कि कोई भी आम मंदबुद्धि इंसान..। दिन-रात फेसबुक पर इन मंदबुद्धियों के पीछे अपना समय मत खराब कीजिए।

परिचय-अल्पा मेहता का जन्म स्थल राजकोट (गुजरात)है। वर्तमान में राजकोट में ही बसेरा है। इनकी शिक्षा बी.कॉम. है। लेखन में ‘एक एहसास’ उपनाम से पहचान रखने वाली श्रीमती मेहता की लेखन प्रवृत्ति काव्य,वार्ता व आलेख है। आपकी किताब अल्पा ‘एहसास’ प्रकाशित हो चुकी है,तो कई रचना दैनिक अख़बार एवं पत्रिकाओं सहित अंतरजाल पर भी हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ़ टेलेंट रिकॉर्ड सहित मोस्ट संवेदनशील कवियित्री,गोल्ड स्टार बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं इंडि जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड आदि सम्मान आपकी उपलब्धि हैं। आपको गायन का शौक है।

Leave a Reply