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बॉस इस आलवेज राइट!

डॉ.शैलेश शुक्ला
बेल्लारी (कर्नाटक)
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आजकल ऑफिस में काम करने के लिए केवल डिग्री, कम्प्यूटर और फॉर्मल कपड़े काफी नहीं हैं। जो सबसे ज़रूरी चीज है, वह है-बॉस की चापलूसी। और यह साधारण चापलूसी नहीं, यह है बॉस-स्तुति, प्रशंसा-पुराण, और गुणगान-महाकाव्य। यह वह ब्रह्मास्त्र है, जो सालाना मूल्यांकन रेटिंग, अधिक से अधिक बोनस, जब चाहो तब छुट्टी, अपने व्यक्तिगत काम निपटाने के लिए टीए-डीए सहित ऑफिशियल टूर, सबसे पहले प्रमोशन और यहाँ तक कि ऑफिस की कैंटीन से मुफ़्त चाय, नाश्ता और भोजन तक दिला सकता है।
जब कोई कहता है,-“मैं मेहनत से काम करता हूँ”, तो अनुभवी कर्मचारी मुस्कुराते हैं और धीरे से कहते हैं-“बेटा, मेहनत से सिर्फ सिर दर्द मिलता है, तरक्की नहीं। तरक्की तो बॉस के मूड को हल्का करने से मिलती है, और उसके लिए… ‘बॉस इस आलवेज राइट’ मंत्र जपना पड़ता है।
ऑफिस की चापलूसी की सबसे पहली सीढ़ी है-‘कथन कौशल’… इसका सरल अर्थ है कि आपको यह आभास करवाना है कि बॉस जो भी कहता है, वह या तो नीतिशास्त्र है या कॉरपोरेट गीता।
अगर बॉस बोले,-“आज बहुत काम है”, तो आप बोलिए-“सर, आप जैसे विज़नरी की देखरेख में काम करना सौभाग्य है।” अगर वो बोले,-“ये प्रजेंटेशन बहुत खराब है”, तो आप कहिए-“सर, आपकी आलोचना ही असली मार्गदर्शन है।” और अगर वो बोले,-“मैंने छुट्टी पर जाने का प्लान बनाया है”, तो तुरंत कहिए-“सर, ऑफिस के लिए बेशक दुःखद है, पर आपकी वेलनेस को देखकर आत्मा तृप्त है।”
बॉस की हर बात पर ऐसा सिर हिलाइए, जैसे कृष्ण गीता सुना रहे हों और आप अर्जुन हों-संशयमुक्त, समर्पित और अत्यंत श्रद्धालु। सबके सामने प्रतिदिन १००८ बार सर्व कल्याणकारी मंत्र ‘बॉस इस आलवेज राइट’ का जाप करने से सभी वांछित मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऑफिस में सफलता पाने का यह सिद्ध और प्रमाणित मंत्र है।
ऑफिस मीटिंग्स में असली खेल आइडिया (विचार, राय) देने का नहीं, बॉस के आइडिया की वंदना करने का होता है। जो कर्मचारी सबसे ज्यादा “सर, ब्रिलियंट पॉइंट!” कहता है, वही अगले वीकेंड पर ऑफिस की गाड़ी में घूमता है और साल में कई बार अधिकारिक विदेश यात्रा का सपरिवार आनंद उठाता है।
यदि बॉस बोले,-“हमारी टीम को और एफिशिएंट होना चाहिए”, तो तुरंत कहिए-“सर, आपने आज टीम को आइना दिखा दिया।” अगर बॉस बोले,-“यह चार्ट समझ नहीं आ रहा”, तो कहिए-“सर, आप जैसी सूक्ष्म दृष्टि हो तो कमियाँ तुरंत पकड़ में आती हैं।” और मीटिंग खत्म होने पर तो कम से कम ७ या ११ या २१ बार ‘थैंक्स सर फॉर द इन्साइट्स’ वाला मैसेज वॉट्सएप ग्रुप में ठोक दीजिए।
जो कर्मचारी बॉस के हर मज़ाक पर “हा-हा-हा-हा… सर आप तो ग़ज़ब हैं” कहता है, वह मीटिंग के बाद बॉस की नजर में ‘मज़ेदार’, ‘होनहार’ और ‘काबिल’ बन जाता है। और जिसने २ सवाल पूछ दिए, वो ‘रिबेल विदाउट ए कॉज’ घोषित कर दिया जाता है। यह मंत्र सदा जपते रहें- ‘बॉस इस आलवेज राइट!’
ऑफिस में बॉस वंदना या बॉस चालीसा या बॉस स्तुति केवल बैठक या रिपोर्ट तक सीमित नहीं है। यह एक २४x७ स्प्रिचुअल समर्पित ड्यूटी है। उदाहरण के लिए-
बॉस के आते ही कुर्सी खड़ी होकर उसका स्वागत करे, आप नहीं।
बॉस के टेबल पर अगर पानी नहीं है, तो चुपचाप बोतल भर कर रख आइए। बॉस की टाई टेढ़ी है ? तो आँखों से इंगित कर देना भी सेवा का ही रूप है। अपनी डेस्क पर भले आप कभी न बैठें, लेकिन जब तक बॉस अपने कमरे में है, तब तक हमेशा बॉस के कमरे में बैठे रहें। बॉस को छींक आ जाए तो झट से अपना रुमाल निकाल कर दें और ११ गालियाँ खराब मौसम और प्रदूषण को देते हुए बॉस का स्तुति गान करें।
कैंटीन में भी बॉस के लिए कॉफी ऑर्डर करते हुए कहिए-“सर, आपके टेस्ट का ध्यान रखते हुए मैंने कम शक्कर ली है।” और यदि कभी-कभी आप उनके साथ बैठने का अवसर पा लें, तो पूरे समय ऐसे मुस्कुराइए जैसे ईश्वर के सान्निध्य में हों।
कर्मचारी चाहे १० बजकर ५ मिनट पर आए, पर बॉस की गाड़ी देखते ही सब फाइलें खोलकर ऐसे बैठ जाते हैं, जैसे एक-एक पंक्ति वेद की ऋचाएं हों। सदा यही मंत्र जपते रहें-‘बॉस इस आलवेज राइट!’
आप बॉस के साथ कितनी बैठक करते हैं, यह मायने नहीं रखता। आपने कितनी बार उसकी तस्वीर पोस्ट की, ये मायने रखता है। प्रति सप्ताह लिंकडिन पर ‘वर्किंग अंडर विज़नरी लीडरशिप’ के साथ पोस्ट की गई तस्वीर, बॉस के दिल में वह जगह बना देती है जो केपीआई नहीं बना सकता।
अगर बॉस की टीम लंच की तस्वीर हो तो आप उसमें बॉस के साथ सटे हुए हों। और कैप्शन ? “लर्निंग समथिंग न्यू एवरी डे फ्रॉम द मेंटर ऑफ मेंटर्स” या “विथ द मैन हू लीडस् फ्रॉम द फ्रंट एंड इंस्पायर्स फ्रॉम बिहाइंड।”
हर साल ऑफिस एनिवर्सरी पर बॉस को टैग कर “५ इअर्स ऑफ लर्निंग, लॉफिंग एंड ग्रोइंग अंडर योर शेडो, सर!” लिखना मत भूलिए। आपकी ‘फोटो प्रोफाइल’ अगर बॉस के कंधे के पास की हो, तो समझिए-आप प्रमोशन से एक कदम दूर और पॉवरपॉइंट से कई कदम आगे हैं। दिन-रात, सोते-जागते सदा यही मंत्र जपते रहें-‘बॉस इस आलवेज राइट!’
चापलूसी का डिजिटल रूप है-ई-मेल चापलूसी। जब आप रिपोर्ट भेजें, तो विषय न हो ‘मंथली सेल्स रिपोर्ट’, बल्कि हो ‘एज डिसकस्ड अंडर योर गाइडेंस, सर।” बॉस के हर ई-मेल का जवाब ‘थैंक्स सर फॉर द डायरेक्शन’ से शुरू होना चाहिए, चाहे बॉस ने केवल ‘ओके’ ही लिखा हो। और अगर आपको कोई प्रोजेक्ट में सफलता मिले, तो उसका श्रेय खुद को नहीं, बॉस को दीजिए:”इट वुड नॉट हेव बीन पॉसिबल विदाउट योर मेंटरिंग, सर।”
कुछ लोग तो इतने चतुर होते हैं कि सालभर का ‘परफॉर्मेंस रिव्यू’ भी ऐसे लिखते हैं-“व्हाटएवर आई डिड, इट वाज जस्ट टू एग्जीक्यूट योर विज़न, सर।” घर में, ऑफिस में, कैन्टीन में, टॉइलेट में, प्रत्येक स्थान पर, दिन-रात, सोते-जागते सदा यही मंत्र जपते रहें-‘बॉस इस आलवेज राइट!’
साल में कई ऑफिशियल टूर, ३० ईएल, १२ CL, ८ SL और अधिकतम बोनस… ये सब एचआर के फॉर्म से नहीं, बॉस के मूड से निर्भर करते हैं। यदि आपने लगातार एक महीना बॉस की तारीफ की हो, तो २ दिन की छुट्टी के लिए आपको कारण नहीं, शुभकामनाएँ मिलेंगी। और ऑफिस ट्रिप की बात करें तो जो व्यक्ति बॉस की हर तस्वीर में बगल में खड़ा हो, वही माउंट आबू या गोवा के होटल में डबल रूम पाता है। उसी व्यक्ति को स्विट्ज़रलैंड, मालदीव, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अन्य सुंदर देशों की ऑफिशियल ट्रिप बॉस की कृपा के रूप में मिलती है। कुछ लोग तो ऑफिस ट्रिप पर बॉस के चश्मे की सफाई, मोबाइल चार्जिंग और ड्राइवर से बातचीत तक का जिम्मा उठाते हैं।
और साल के अंत में बोनस मिले या न मिले, अगर आपने बॉस को यह कह दिया-“सर, आई लर्नड सो मच अंडर यू दिस इअर”, तो न सही पैसा, कम से कम इज्ज़त और एचआर फीडबैक फॉर्म पर स्टार जरूर मिलेगा। और हाँ, हमेशा ये सर्वमनोकामना पूर्ति मंत्र जपते रहें-
-‘बॉस इस आलवेज राइट!’