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भ्रष्ट नेताओं और धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों पर कड़ा प्रहार है ‘सिंहनाद’

बोधि प्रकाशन सभागार में ‘मनु’ के काव्य संग्रह का लोकार्पण……….


जयपुर(राजस्थान)।

यह कविताएं स्वराज के पक्ष में जान पड़ती हैं,जिनमें राष्ट्र की विकराल समस्याओं के समाधान की कल्पना अनूठी है। कवि का व्यथित हृदय स्थितियों में बदलाव चाहता है। पुस्तक में कवि ने भ्रष्ट नेताओं और धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों पर कड़ा प्रहार किया है। कविता अँधेरों से लफ़्ज़ों की लड़ाई है। यह आरती और स्तुति नहीं है।
यह विचार मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि टीकम चंद बोहरा ‘अनजाना’ ने व्यक्त किए। अवसर था बोधि प्रकाशन सभागार में शनिवार को मनोजकुमार सामरिया ‘मनु’ के सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह ‘सिंहनाद’ के लोकार्पण का। श्री बोहरा ‘अनजाना’ एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती एस. भाग्यम शर्मा ने बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष ‘सिंहनाद’ का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रिखब चंद रांका ‘कल्पेश’ एवं आजाद पूरण सिंह रहे। इस मौके पर ‘अनजाना’ ने कहा कि, कविता अंधेरों से लफ़्ज़ों की लड़ाई है।
वरिष्ठ कवि श्री बोहरा ने देश प्रेम की उदात्त भावनाओं से प्रेरित कविताओं का भी उल्लेख किया। आपने कविता संग्रह की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि कवि ने भ्रष्ट नेताओं और धर्म के नाम पर पाखंड करने वालों पर कड़ा प्रहार किया है।
लोकार्पण समारोह की अध्यक्ष सुपरिचित कथाकार अनुवादक श्रीमती एस. भाग्यम ने कवि की रचनाओं की व्याख्या करते हुए कहा कि नई पीढ़ी के विचार और उनका सृजन उत्साहित करता है। उन्होंने संग्रह की विभिन्न्न कवितओं के उद्धरण प्रस्तुत किए।
विशिष्ट अतिथि रिखबचंद रांका ‘कल्पेश’ ने कृति पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘सिंहनाद’ की रचनाएं पढ़ने से देशभक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
इस अवसर पर आजाद पूरण सिंह ने कहा कि,इनमें कवि ने देशभक्ति से ओत-प्रोत रचनाएं लिखी हैं,वहीं इन कविताओं के जरिये सामाजिक बुराइयों पर मार्मिक रूप से प्रहार किया है।
पुस्तक के रचनाकार मनोजकुमार सामरिया ने अपने संग्रह से कुछ चुनिंदा रचनाएं भी प्रस्तुत की।
इस अवसर पर सावित्री चौधरी,फ़ारूक़ आफ़रीदी,मायामृग नूतन गुप्ता,शिवानी शर्मा,रेनू शर्मा,नवल पांडे एवं पल्लवी सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी लोग भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विजयलक्ष्मी जांगिड़ ‘विजया’ ने किया।

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