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मनमोहक झरना

तृप्ति तोमर `तृष्णा`
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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झर-झर की आवाज कर बहता झरना,
सबके मन को मोहित कर लेता झरना।

मनमोहक मनोरम दृश्य लिए बहता झरना,
मीठा मधुरतम संगीत सुनाता झरना।

एक छोर से दूसरे छोर तक बहता झरना,
अपनी ही सरगम में बहता झरना।

अपना जुबां में कहानी कहता झरना,
अपनी दास्तां ख़ुद बयाँ करता झरना।

आसमाँ से बहता प्रतीत होता झरना,
ऊँचाई से गिरता धरातल में समाता झरना॥

परिचय-तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं।यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। आपका  साहित्यिक उपनाम-तृष्णा है। जन्मतिथि २० जून १९८६ एवं जन्म स्थान-विदिशा(म.प्र.) है। वर्तमान में भोपाल के जनता नगर-करोंद में निवास है। प्रदेश के भोपाल से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति की लेखन उम्र तो छोटी ही है,पर लिखने के शौक ने बस इन्हें जमा दिया है। एम.ए. और  पीजीडीसीए शिक्षित होकर फिलहाल डी.एलएड. जारी है। आप अधिकतर गीत लिखती हैं। एक साझा काव्य संग्रह में रचना प्रकाशन और सम्मान हुआ है। 

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