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मित्र का फ़र्ज

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
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कहने को तो सभी मित्र हैं,पर एक हमारी अर्ज़ है,
विपदा में जो करे मदद,यही मित्र का फ़र्ज़ है।

बिन बुलाए दौड़कर आए,कहे ना कोई हर्ज़ है,
अपना समझे मित्र के दु:ख को,यही मित्र का फ़र्ज़ है।

मित्र हो तो पानी-पय-सा,जो न कभी खुदगर्ज़ है,
खुद जल कर बचाए मित्र को,यही मित्र का फ़र्ज़ है।

बेमिसाल कान्हा की दोस्ती,जो समझे हर मर्ज़,
दो लोक सुदामा को दे दिए,यही मित्र का फ़र्ज़।

कहे ‘उमेश’ मित्र की खातिर,भले ही हो जाए कर्ज़,
तन मन धन सब अर्पित कर दो,यही मित्र का फ़र्ज़।

परिचय-उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

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