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मेरा देश है सर्वत्र महान

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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गणतंत्र दिवस विशेष….


हमें है अपने देश पर,
अपूर्व अभिमान
मेरा देश है,
सर्वत्र महान।

यह सांस्कृतिक धरोहर की,
है उन्नत शान
जीवन मंत्र में यहां,
हर्षमय रहता अभिमान।

प्रगति पथ पर आगे,
बढ़ने पर दिखता है
सर्वत्र व्याप्त,
उच्च विचार-सा ध्यान।

यह नवरंग मधुरिमा है,
पर्वतों पर मणि रत्नम जैसी खूबियां
आदर्श आनंद मंगल और,
सुख-समृद्धि का राग है यहां।

जनमानस में एक सम्मान और,
सम्पूर्ण सद्भाव दिखता है गजब यहां
शालीनता से विचार करने की,
आशा भरी कहानी,रची जाती है यहां।

प्रगति पथ पर आगे बढ़ने की,
कहानी लिखी जाती है यहां
सभी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक,
सब मिलकर रहते हैं यहां।

यह वीर-धीर महापुरुषों की,
उन्नत धरती है
जहां सनातनी संस्कृति की,
अमिट छाप दिखती है।

यहां महात्माओं और,
सन्तों का कर्म क्षेत्र है
सब बंधे हैं एक डोर से,
सनातनियों का उत्कृष्ट प्रक्षेत्र है।

विचार मंच से,
उच्च विचार प्रफुल्लित होता है
नवोन्मेष संदेश देने में,
सदैव आगे रहता है।

गीत मेरे जीवन में,
सुख-समृद्धि का गाया जाता है
हर उपवन में सुन्दर उपहार के,
फूलों से गुलशन,आबाद नज़र आता है।

यह युगदृष्टा में एक सम्मान,
भारत का सबसे बड़ा
आकर्षण दिखता है,
आर्यावर्त भरतखण्ड संस्कृति से,
यह सब कुछ सही-सही,
प्रस्फुटित होता दिखता है।

बापू,सुभाष,पटेल,बुद्ध और महावीर,
यहां के आदर्श हैं
भारत में सबसे विश्वसनीय,
प्रतीक बनकर आज़ भी
हम-सबके अमूल्य सूत्रधार,
निर्मल भावना से बहता
दिखता एक अमृत संदेश है।

यह जागृत सांसारिक जीवन में,
सुख-शांति का सन्देश वाहक है
समस्त विश्व में ओज और,
उत्तम विचार का,अद्भुत चमत्कार
और प्रेरणादायी जीवन में,
लाता अपूर्व संवेग है।

यह राष्ट्रीयता और,
देश संग प्रेम भाव में
दिखता ओत-प्रोत है,
जन-जन और घर-घर में
सदैव दिखता,
खुशियों से भरे जीवन का
संयुक्त उत्तेजित।
भारत का अपूर्व अग्निहोत्री-सा,
पवित्र स्त्रोत है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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