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‘मैं’ ही दुश्मन

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह आज की सच्चाई है,
जगत-समाज में गूँज है
मुश्किल वक्त में तन्हां,
रहने में नहीं रहती सुध है।

साथी का हाथ नहीं थामा,
जब उन्हें जरूरत थी
आज मुश्किल वक्त में,
दिखती उसकी अहमियत है।

यह एक बेमिसाल तरीका है,
सवाल लोग पैदा करेंगे यहां
पूछेंगे जरूर तुमसे खूब,
जब तकलीफ़ में होंगे यहां।

अंहकार को अपनाया खूब,
बनाने अपने को खूब मजबूत
बुरे फंसे हर पल हर क्षण में,
समस्या बनी जीवन का ताबूत।

आजाद सुहावनी रातें दिल में,
दिल से उत्साहित करती है
नहीं दिखता सामने मददगार बन,
खुशियाँ यहां बिखरती है।

बचपन में जो सीखा था हमने,
भूल गए, कर दिया किनारे
मुश्किल वक्त में तन्हां रहने,
यह सब-कुछ है अपने मत के मारे।

प्रेम रस और श्रंगार था सुन्दर,
सबको देती थी एक खुशियाँ
अपने सपनों को साकार यहां करने,
ग़म क्या दी हमने सब मस्तियाँ।

अपनेपन का भाव है खूब सुन्दर,
थोड़ी देर ही देता है उत्सव का रंग
वक्त आने पर नहीं मिलता है साथ,
सब बदले का देता कुत्सित बदरंग।

राम कथा और जहां महाभारत,
सबने देखा है अहंकार का गिरता रंग
हम सबको यहां यह सीख है,
जिसमें हो हर रंग का संग।

राजा-प्रजा का भाव है दिखता,
यह है निष्क्रिय-सा जीवन में एक खेल
आपसी मतभेद मिटाकर दिल से मिलकर,
हम सब यहां दिखलाएं सबमें सुंदर मेल।

किंवदंतियां प्रचलित एक देती है,
सुंदर अनुपम अपूर्व सन्देश।
जीवन में खुशियाँ व खुशहाली लाने,
सबको दे मिलकर रहने का उपदेश॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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