कवि योगेन्द्र पांडेय
देवरिया (उत्तरप्रदेश)
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हर घड़ी बस याद तेरी आ रही है।
धड़कनें नगमा वफ़ा का गा रही हैं।
तुम गए दूर जबसे अकेला छोड़ के,
हर कली मायूस हो मुरझा रही है।
गम यही कि हम न समझे प्यार को,
पीर ये हमको बहुत तड़पा रही है।
तेरे आने की खबर जब से मिली,
हर तरफ फूलों की खुशबू छा रही है॥