डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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युवा युग में युवा बनकर,
रहना जरूरी है
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए,
जबरदस्त पहल
अब हमें करनी,
बन गई मजबूरी है।
युवा युग शक्ति है,
उर्जा का स्त्रोत है
देश की प्रगति का,
सर्वोत्तम सुलभ
प्रमाणित व सम्बल,
रक्त गोत्र है।
युवा युग में,
प्रगति पथ पर आगे
बढ़ने की गति मिलेगी,
देश में सर्वत्र स्वीकार्य
नेतृत्व को हरपल,
सहर्ष स्वीकृति मिलेगी।
युवा सोच व युवा खयालात,
सर्वोत्तम व उत्कृष्ट विचार हैं
देश में सर्वत्र,
समृद्धि प्रगति लाने का
सर्वोत्तम संस्कार है।
युवा युग में समानता,
पंथ निरपेक्षता और अपनत्व का
दिखता संसार है,
प्रगति पथ पर सदैव आगे
बढ़ने का देता,
एक उच्च संस्कार है।
युवा देश की संस्कृति को,
जीवित रखने का सम्बल
संगठन का उत्कृष्ट रूप है,
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए
अत्यंत महत्वपूर्ण,
सुसज्जित स्वरूप है।
निर्मल निर्णय लेने में,
सबसे सटीक तन्त्र है
युवा युग में कोई नहीं,
रहता परतंत्र है।
देश की आन-बान और शान,
का युवा एक आगाज़ है
राष्ट्रीय क्षितिज पर,
सफलता से शिखर तक
आगे पहुंचने का,
सुन्दर आगाज है।
युवा युग में,
समानता सहृदयता
प्रेम भाव में,
अतुलनीय योगदान
देने का दृढ़ संकल्प,
सम्पूर्ण रूप में लिया जाता है।
सबसे मिलकर रहने का,
एक सटीक तन्त्र संग
स्वस्थ पवित्र मंत्र भी,
जनमानस को दिया जाता है॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।