दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’
दौसा(राजस्थान)
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सुनो कभी मत आना तुम मेरे प्यारे कान्हा,
डीजे की धुन,किसे यहाँ बंसी सुनाओगे॥
जगह-जगह लुटती इज्जत नारियों की,
द्रोपदी की जैसे कितना चीर बढ़ाओगे॥
घर-घर मिलेगी शराब तुम्हें साँवरिया,
माखन मिश्री वाला भोग कैसे लगाओगे॥
आ गए अगर तुम दीनानाथ यहाँ पर,
आते ही राजनीति में मुद्दा बन जाओगे॥