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लथ-पथ मजदूर

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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बड़ी-बड़ी अट्टालिकाओं में,
अक्सर धनवान लोग रहते हैं
सब इसे जन्नत का, सैर-सपाटे का,
खुबसूरत नाम कहते हैं।

यहाँ सुविधाएं ऐशो-आराम का,
बड़ा-सा समन्दर रहता है
ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाकर,
ज़ीने का सुखद अहसास और सुकून
देने में भरपूर मदद करता है।

यह ईंट पत्थर से बनी इमारत ही नहीं है,
यहां असंख्य मजदूरों की
पसीने से लथ-पथ कहानी छिपी हुई है,
मजदूर खुशियाँ बांटने में सबसे पहले
सदैव सबसे आगे रहता है,
लोगों को सर पर हाथ रखकर,
मन को आनंदित करने में
हृदय से काफ़ी मदद करता है।

घर की सुबह-शाम है,
इन्सानियत का सुखद अहसास है
नम्रता और सुचिता का प्रमाण है,
कठिन और जटिल
समस्याओं को हल करने वाला चारधाम है,
मुश्किल वक्त में राहत पहुंचाता है।

आशियाने में खुशहाली लाने में,
सबसे पहले मजदूर ही खड़ा पाया जाता है
कितनी बार वह खुद को,
समाप्त करने में लग जाता है
मन- मन्दिर में संजोकर,
दूसरों के सपनों को साकार बनाने में
सबसे पहले खड़ा हो कर,
भरपूर्ण मदद पहुंचाता है
दहाड़ी में सिमटकर सदैव रह जाता है,
घर-आँगन में फिर भी,
हर्षित मन से अपार खुशियाँq पहुंचाता है।

बड़े-बड़े शहरों में,
आज़ ज़िन्दगी की बड़ी-बड़ी दास्तान लिखी गई है
सब कहानियाँ मजदूरों के ही नाम से,
आज़ समर्पित नज़र आ रही है।

कठिन डगर पर चलते हुए मजदूर,
तकलीफ़ और वेदना को मन में समेटे हुए
विवशता में रहकर भी,
खुशियाँ पहुंचाने का हमेशा
भरपूर प्रयास करता रहता है।
मजबूत इरादों से सना मजदूर
जोश-ए-जवानी में,
कोई तकरार जन्म न हो
भरपूर कोशिश करते रहता है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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