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भाईचारा

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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हार-जीत का वोट युद्ध था,
कोई जीता-कोई हारा।
दल दलदल को भूल सखे अब,
अपना लो भाईचारा।
जीत किसी की नहीं चुनावी,
यह तो जनमत जीता है।
राष्ट्रप्रेम का भाव जगा है।
देख रहा है जग सारा।

हार नहीं है यह विपक्ष की,
यह तो बस गठबंधन हारा।
जाति-धर्म अरु क्षेत्रवाद से,
करते लगते लोग किनारा।
जोड़-तोड़ का युग हारा है,
वंशवाद की जड़ें हिली।
चाहत भारत माँ के आँचल,
एक रहे भारत सारा।

कदम बढ़ा सोपान चढ़ो अब,
नव भारत निर्माण करें।
सबके दिल में भारत हो बस,
भारत हित निर्वाण करें।
भारत के हित जीना-मरना,
देश,प्राण से प्यारा हो।
शान तिरंगे भारत माँ हित,
भाईचारा प्राण भरें।

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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