नागदा(मध्यप्रदेश)l
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की १५० वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं हिन्दी परिवार द्वारा गांधीजी,हिन्दी और पर्यावरण
विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गईl मुख्य अतिथि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ब्रजकिशोर शर्मा (उज्जैन) ने इस दौरान वरिष्ठ साहित्यकारों को भाषा गौरव सम्मान
से अलंकृत कियाl
इस समारोह में सारस्वत अतिथि प्रसिद्ध कहानीकार श्रीमती सीमा व्यास(प्राचार्य शारदा मठ,इन्दौर) और पर्यावरण विशेषज्ञ डाॅ. ओ.पी. जोशी थे। समारोह की अध्यक्षता डाॅ. प्रभु चौधरी ने कीl स्वागत भाषण हरेराम वाजपेयी एवं अतिथि परिचय अनिल ओझा ने दिया। डाॅ. जोशी ने बताया कि,लगभग १०० वर्ष पूर्व जब प्रदूषण जैसी कोई सोच भी नहीं थी,तब गांधीजी ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की बात कही थीl उन्होंने जल को दूषित करना भी एक प्रकार की हिंसा बताई। उन्होंने एक शताब्दी पूर्व जल संरक्षण पर विशेष बल दिया था। श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि,जिस तरह शिक्षक अपने विद्यार्थियों को तैयार करते हैं, इसी तरह साहित्यकार भी नई पीढ़ी को प्रेरित करें,नए साहित्यकार तैयार करें। श्रीमती व्यास ने कहा कि हमें हमारे शुद्ध शरीर की तरह ही भाषा को भी शुद्ध रखने का प्रयास करना चाहिए। समारोह में १० शिक्षकों-विनोद वर्मा,सीमा नाईक,राम शर्मा परिंदा', विनोद सोनगीर एवं मनीष पिपले आदि तथा ५ साहित्यिक विभूतियों हरिमोहन नेमा, कांतिलाल ठाकरे,श्रीमती पद्मजा वाजपेयी, दिनेशचन्द्र तिवारी,श्रीमती हंसा मेहता, दविंदर कौर होरा तथा दिनेश परमार को ‘भाषा गौरव सम्मान‘ से अलंकृत किया। संचेतना के अध्यक्ष डाॅ. चौधरी ने संचेतना द्वारा किए जा रहे साहित्यिक प्रयासों की जानकारी दी। समारोह में विशेष रूप से कवि यशवंत भण्डारी,दिव्या मेहरा,प्रदीप
नवीन`, सुबोध महंतो उपस्थित थे। संचेतना की स्मारिका ‘महात्मयनी‘ का लोकार्पण भी अतिथियों एवं अध्यक्ष डाॅ. चौधरी,प्रधान सम्पादक रागिनी स्वर्णकार शर्मा ने किया।
संचालन डाॅ. पुर्णिमा मंडलोई ने कियाl आभार संचेतना की राष्ट्रीय प्रवक्ता नमिता दुबे ने अभिव्यक्त किया।