तिनसुकिया (असम)।
पूर्वोत्तर भारत में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार साहित्य संगम संस्थान के काव्यमेध वार्षिकोत्सव तिनसुकिया (असम) में किया गया। साहित्यकार और बोली विकास कार्यक्रम के अधीक्षक रिखबचन्द राँका ‘कल्पेश’ (जयपुर,राजस्थान) को सुदीर्घ हिन्दी सेवा एवं साहित्य साधना कॆ लिए यहाँ
‘विद्यावाचस्पति’ मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
मुख्यातिथि श्री रामावतार,विशिष्ट अतिथि डॉ.राजलक्ष्मी शिवहरे सहित साहित्य संगम संस्थान के राष्ट्रीय संरक्षक आचार्य भानूप्रताप वेदालंकार,राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर सिंह मंत्र, संस्थान(तिनसुकिया) के अध्यक्ष संजय त्रिवेदी ,संयोजिका इंदू शर्मा के करकमलों द्वारा
श्री राँका की सामाजिक,साहित्यिक एवं कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों,शैक्षिक प्रदेयों, महनीय शोधकार्य तथा राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ‘कल्पेश’ द्वारा रचित ‘काव्यमेध’ पुस्तक का विमोचन भी
किया गया। कार्यक्रम देश-विदेश से आए अनेक साहित्यकार उपस्थित थे।
पूर्वोत्तर भारत में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर इस वार्षिकोत्सव में तिनसुकिया नगर में वेद मंत्रों सहित णमोकार महामंत्र भी गूँजा। इस कार्यक्रम में कवि सम्मेलन भी किया गया, जिसका आगाज़ चौरासी लाख मंत्रों के राजा सर्वसिद्धि प्रदायक महामंगलकारी णमोकार महामंत्र की मंगलध्वनि मंगलाचरण रिखबचन्द राँका द्वारा ही किया गया। तत्पश्चात आपने काव्य की प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन में अनेक साहित्यकार उपस्थित थे।