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सच्ची मुस्कान

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’
धनबाद (झारखण्ड) 
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आओ चलो लगाएं ध्यान,
कैसी है किसकी मुस्कान
कोई हँसता लगा के ध्यान,
किसी में है मौन मुस्कान।

हर मुस्कान की अलग कहानी,
सुनाती वह अपनी मौन जुबानी
समझने वाले ही तो समझते हैं,
आज हम इनकी गाथा कहते हैं।

भोलू हँसता खुश होकर खूब,
दिन हो या रात,छाँव हो या धूप
सुन्दर तन व स्वस्थ उनकी काया,
इसमें छिपी उसके सुख की छाया।

गोलू भी हँसता लगातार,
इन्हें है पैसों से ही प्यार
मुट्ठी में है सारा संसार,
है हँसता गोलू बारम्बार।

सोनू जी हैं सबसे सुन्दर,
मान,श्रम में है वह धुरंधर
कहलाता वह भी तो महान,
चेहरे पर रहती सदा मुस्कान।

शिक्षक,किसान और जवान,
रहते खड़े हमेशा सीना तान
आओ लगाएं इन पर भी ध्यान,
कैसी है भाई इनकी मुस्कान।

शिक्षक तैयार रहता हमेशा,
विद्यार्थियों को दिखाता दिशा
किसान के श्रम से मिटती भूख,
जवान दिलाता आजादी का सुख।

जिस मुस्कान में है सेवा भाव,
वही है जहां में सबसे महान।
उनसे ही सुरक्षित देश व गाँव,
वही है सबसे सच्ची मुस्कान॥

परिचय– साहित्यिक नाम `राजूराज झारखण्डी` से पहचाने जाने वाले राजू महतो का निवास झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद स्थित गाँव- लोहापिटटी में हैL जन्मतारीख १० मई १९७६ और जन्म स्थान धनबाद हैL भाषा ज्ञान-हिन्दी का रखने वाले श्री महतो ने स्नातक सहित एलीमेंट्री एजुकेशन(डिप्लोमा)की शिक्षा प्राप्त की हैL साहित्य अलंकार की उपाधि भी हासिल हैL आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी(विद्यालय में शिक्षक) हैL सामाजिक गतिविधि में आप सामान्य जनकल्याण के कार्य करते हैंL लेखन विधा-कविता एवं लेख हैL इनकी लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति भावना को विकसित करना हैL पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैंL विशेषज्ञता-पढ़ाना एवं कविता लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।

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