कुल पृष्ठ दर्शन : 52

You are currently viewing सबसे तेज

सबसे तेज

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’
मुंबई(महाराष्ट्र)

*********************************************************

हाथ में रिमोट ले टी.वी. का बटन ऑन किया ही था, तो सोचा चलो देश-दुनिया की खबर ही सुन लूँ। व्यस्तता के चलते अब फुर्सत कहाँ जो समय निकाल बकाया काम भी निपटा लूँ…। तभी अचानक टी.वी. पर नजर गई तो क्या देखता हूँ कि न्यूज चैनल का संवाददाता जोर-जोर से चिल्ला रहा है-आप देख रहे हैं भारत का नंबर वन, आपका अपना, चहेता और सबसे तेज चैनल ‘आज का भारत’। संवाददाता चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहा था,-“ध्यान से देखिए, यही है वह कमरा जहाँ… हाँ, वही कमरा, जिसमें बलात्कार हुआ था। यही है होस्टल का वह कमरा, जहाँ उस मासूम की अस्मत लूटी गई थी। यही है वह कमरा, जहाँ वह बचाने की गुहार लगा रही थी, मगर उस दरिंदे ने एक न सुनी…।” फिर कुछ हाँफते हुए संवाददाता- “यहाँ हम आपको बताना चाहेंगे कि ‘आज का भारत’ सबसे पहले यहाँ पहुँचा…। इस घटना को आप तक सबसे पहले हमने पहुँचाया है।”

अचानक पत्नी ने हाथ से रिमोट छीन टी.वी. बंद कर दिया। बड़े आक्रोश में बोली,-“यह भी हैं जिम्मेदार, जो लड़की की अस्मत तो बचा नहीं सकते और अब चले हैं उसे प्रचारित करने।”
“तुम गुस्सा क्यों हो रही हो ?” मैंने दबे स्वर में कहा।
“तुम क्यों मिमिया रहे हो ?” पत्नी ने उसी तेवर में कहा।
“मै…मैं… मैं! नहीं, मैं कहाँ मिमिया रहा हूँ।” मैंने कुछ सकुचाते स्वर में कहा।
“हम्म्म…! इन्हें इतना ही पहले पहुँचने, खबर दिखाने का शौक है और इतना तेज है तो पुलिस की मदद करे न। या समाज में जागरूकता फैलाए, अश्लीलता का खुला विरोध करे न चैनल। तो समझूं सबसे तेज चैनल। क्या ये इनका दायित्व नहीं…?”
पत्नी की बात सुन मैंने सहमति जताई।’

परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैl श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी मुंबई के ऐरोली में हैl महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई की वासी ‘हेमाक्ष’ ने हिंदी में स्नातकोत्तर सहित बी.एड.,एम.फिल (हिंदी) की शिक्षा प्राप्त की है,और पी.एच-डी. की शोधार्थी हैंI आपका कार्यक्षेत्र मुंबई स्थित निजी महाविद्यालय हैl रचना प्रकाशन के तहत आपके द्वारा आदिवासियों का आन्दोलन,किन्नर और संघर्षमयी जीवन….! तथा मानव जीवन पर गहराता ‘जल संकट’ आदि विषय पर लिखे गए लेख कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैंl हिंदी मासिक पत्रिका के स्तम्भ की परिचर्चा में भी आप विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता कर चुकी हैंl आपकी प्रमुख कविताएं-`आज कुछ अजीब महसूस…!`,`दोस्ती की कोई सूरत नहीं होती…!`और `उड़ जाएगी चिड़िया`आदि को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्थान मिला हैl यदि सम्म्मान देखें तो आपको निबन्ध प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार तथा महाराष्ट्र रामलीला उत्सव समिति द्वारा `श्रेष्ठ शिक्षिका` के लिए १६वा गोस्वामी संत तुलसीदासकृत रामचरित मानस पुरस्कार दिया गया हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा में लेखन कार्य करके अपने मनोभावों,विचारों एवं बदलते परिवेश का चित्र पाठकों के सामने प्रस्तुत करना हैl