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समय अवश्य परिवर्तित होगा

वाणी वर्मा कर्ण
मोरंग(बिराट नगर)
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सम्पूर्ण तमस चीरकर,
सूर्य अवश्य उदीयमान होगा
ये प्रकृति का नियम है,
अंधकार के बाद उजाला
अवश्य ही आता है।

इस जागृति को,
कोई नहीं रोक पाता है
प्रत्येक मानव प्रत्येक जीवन,
सुख-दु:ख धूप-छाँव की नियति में है
जन्म मरण का ये चक्र अनवरत है।

मेघ कितना भी गरज ले,
कितना भी बरस ले
जितनी तेज आँधियां होती है,
पश्चात उतना ही प्रखर उजाला होता है।

एक सी स्थिति कब होती है,
जो प्रत्यक्ष है आज-कल नहीं होती है
गतिमान समय,गतिमान जीवन,
अंधकार से नहीं भय करता है।
क्योंकि उसे ज्ञात है,
तमस के बाद ही उजाला होता है॥

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