कुल पृष्ठ दर्शन : 192

You are currently viewing सारा हिंदुस्तान चाहिए

सारा हिंदुस्तान चाहिए

अमल श्रीवास्तव 
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)

***********************************

सिंध,बंग,पंजाब हमारे,
हमको पाकिस्तान चाहिए।
बंटवारे से पहले वाला,
सारा हिंदुस्तान चाहिए॥

छुद्र,स्वार्थी,संघटकों ने,
हमको आपस में लड़वाया।
टुकड़े-टुकड़े हुए देश के,
फिर भी हमको होश न आया॥
ताशकंद,शिमला,समझौता,
में हमने काफी कुछ खोया।
शांति-धैर्य की अग्नि परीक्षा,
में भी हमने कुछ-कुछ खोया॥
अब चेतो,संकल्प करो,
हमको खोया सम्मान चाहिए।
बंटवारे से पहले वाला,
सारा हिंदुस्तान चाहिए…॥

सच को सच अपनाने में,
कब तक संकोच करोगे भाई ?
आग लगाने वालों से,
ठंडक की आस करो क्यों भाई ?
जहर उगलने वालो से,
अमृत की आस करो क्यों भाई ?
निर्विवाद तथ्यों को कब तक,
यों बदनाम करोगे भाई ?
अब ललकारो,लाल किले से,
आन चाहिए,मान चाहिए॥
बंटवारे से पहले वाला,
सारा हिन्दुस्तान चाहिए…॥

भारत माता के सीने में,
बंटवारे का दर्द छिपा है।
आजादी के आधे पन्नों,
में भी इसका कष्ट लिखा है॥
अगर राष्ट्र का ऋण न उतारा,
तो बोझा बढ़ता जायेगा।
हिमगिरि-सा ऊंचा गौरव भी,
नीचे को झुकता जायेगा॥
जगत गुरू के स्वर्णिम युग की,
फिर हमको पहचान चाहिए।
बंटवारे से पहले वाला,
सारा हिन्दुस्तान चाहिए…॥

देश द्रोह का मंत्र सिखाने,
वालों! कुछ तो शर्म करो!
गद्दारों का साथ निभाने,
वालों! कुछ तो शर्म करो!
ये जननी के सौदागरों!
कुछ तो मन में शर्म करो!
आतताइयों! चुल्लूभर,
पानी में जाकर डूब मरो!
लाल बहादुर या सुभाष-सा,
नेता एक महान चाहिए।
बंटवारे से पहले वाला,
सारा हिन्दुस्तान चाहिए…॥

फिर कान्हा की मुरली गूंजे,
काली दह में दुष्ट दलन हो।
जय जवान से,जय किसान से,
जय विज्ञान,ज्ञान गुंजन हो॥
ढाका,पिंडी,और कराची,
तक भारत का ध्वज लहराए।
पूरव की खड़ी, पश्चिम का
सागर,जन, गण, गान सुनाए॥
सिंधु नदी की कल-कल ध्वनि से,
गंगा का सम्मान चाहिए।
बंटवारे से पहले वाला,
सारा हिन्दुस्तान चाहिए…॥

परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।

Leave a Reply