गोकुल राम साहू
गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
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कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….
रक्षा करते वीर सिपाही,
आज खुद शहीद हो गए।
सबको नींद में सुलाने खातिर,
आज खुद नींद में सो गएll
कर रहे थे देश के रक्षा,
बंदूक तान खड़े थे।
दुश्मनों को मारेंगें यही बंदूक से,
ऐसे सोंचते अड़े थेll
दुश्मनों से यह देखा न जा सका,
दुश्मनों ने हमला कर दिया।
सीमा में खड़े मेरे देश के सिपाही,
अपने प्राणों को खो दियाll
वन्दे मातरम गीत गाते,
मिट्टी का कर्ज चुका रहे थे।
भारत भूमि पर जन्म लेकर,
फर्ज अपना निभा रहे थेll
माँ-बाप सब रो रहे हैं,
बहू-बेटी के सुहाग धुल गए।
बहनों की रक्षा की राखी,
माँ भारती के चरणों में टूट गएll
रक्षा करते वीर सिपाही,
आज खुद शहीद हो गए।
सबको नींद में सुलाने की खातिर,
आज खुद नींद में सो गएll