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हलचल

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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मन का मौसम,
आज सुहाना है
शिकायत करना तो,
एक बहाना है।

दिल में हलचल मची है,
खुशियाँ पाने की
हर कोई आज,
इसी का दीवाना है।

याद आने लगा है,
गुजरा हुआ पल
पुलकित हो गया दिल,
अब सपना सजाना है।

भरने लगा है,
खुशियों का खजाना
भर-भर अंजुलि,
आज लुटाना है।

भूल गया हूँ
हर एक ग़म को।
दिल की लगी को,
आज भुलाना है॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

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