कुल पृष्ठ दर्शन : 337

You are currently viewing छोड़ दो श्याम बंसी बजाना

छोड़ दो श्याम बंसी बजाना

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
*******************************************

अब छोड़ दे श्याम बंसी बजाना,
पनघट पर जाकर गीत गुनगुनाना
बंसी की धुन से सबको बुलाना,
अब छोड़ दो श्याम दिल लगाना।

छोड़ दो हे श्याम सबको फंसाना,
आधी-आधी रातों में रास रचाना
हरदम करते हो राहों में बलजोरी,
दर्द हो गया, जबसे पकड़ी कलाई मोरी।

जब-जब बुलाते हो चली आती हूँ,
तेरे कारण पिया से मार खाती हूँ
संग में देख कर हँसती हैं सखियाँ,
छुपकर सुनती है दोनों की बतियाँ।

पिया बांधते हैं रोज, पैरों में जंजीर,
रेखा नहीं लांघना, खींची है लकीर
अब नहीं ‘देवन्ती’ को बुलाना ओम,
कारण मेरे पाँव में पड़ी है जंजीर॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |

Leave a Reply