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हिमाचल लिए चलते हैं

प्रीति शर्मा `असीम`
नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)
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आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं,
जिसके कण-कण में प्रेम का आविर्भाव है
देवभूमि के पवित्र संसार में लिए चलते हैं,
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

जीवनदायिनी गंगा की जन्मस्थली,
जहां पाप लेश मात्र भी नहीं फलते हैं
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

क्षितिज को छूते पहाड़,
विचारों और विचारधारा की दृढ़ता से मिलते हैं
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

कुदरती नजारों झरनों की कल-कल से,
मन को शांत करते नजारों के साथ मिलते हैं
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

तीन गुणों,तीन देवताओं को,
परिभाषित करते तीन मंडल
शिमला,मंडी,धर्मशाला से जुड़तेे हैं,
स्वर्ग देखना हो धरती पर कहीं,
हिम आँचल से जुड़ते हैं,
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

१२ राशियों से १२ जिले हैं।
राजधानी शिमला से सजे पड़े हैं
राजकीय वृक्ष देवदार से हिम क्षेत्र सारे घिरे पड़े हैं,
स्नो लेपर्ड राजकीय पशु का दर्जा लिए
राजकीय पक्षी वेस्टर्न ट्रेगोपान जुजराना से जंगल सजे हुए हैं,
जड़ी-बूटियों का भंडार हिमाचल
संजीवनी बूटी के इतिहास इसी मिट्टी पर रचे हुए हैं,
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

प्राचीन इतिहास की अमर कथा यहीं उपजी,
सिंधु घाटी की सभ्यता यही सहजी
नालागढ़ की सिरसा-सतलुज घाटी,
व्यास ऋषि की तपोभूमि व्यास घाटी
सिरमौर से सजाई मार्कंडेय ऋषि ने मारकंडा घाटी,
कुल्लू घाटी को कौन भूल पाएगा
इसके पत्थरों को जो देखेगा,शिवमय हो जाएगा,
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

काल बदलते रहे शासकों के हिम का आँचल वहीं रहा,
सुंदरता जिसके कण-कण में झीलों से निर्मल जल बहता रहा
महाहिमवंत,नाम जिसका स्कंद पुराण वेदों में व्याख्यान है,
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।

मेहमानों के स्वागत में,वो पकवान सजाएंगे,
धाम,सिडू,भूटूरू,कचौड़ी के साथ सेपूवड़ी भी खिलाएंगे
चंबा की चुख का जायका देकर स्वाद को आत्मसात कर जाएंगे,
आइए…,आपको हिमाचल लिए चलते हैं।
अमृत का अंश जो हमारे भीतर है,
उसे आत्मा तक आत्मसात कर मिलवाते हैं॥

परिचय-प्रीति शर्मा का साहित्यिक उपनाम `असीम` हैL ३० सितम्बर १९७६ को हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में अवतरित हुई प्रीति शर्मा का वर्तमान तथा स्थाई निवास नालागढ़(जिला सोलन,हिमाचल प्रदेश) हैL आपको हिन्दी,पंजाबी सहित अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हैL पूर्ण शिक्षा-बी.ए.(कला),एम.ए.(अर्थशास्त्र,हिन्दी) एवं बी.एड. भी किया है। कार्यक्षेत्र में गृहिणी `असीम` सामाजिक कार्यों में भी सहयोग करती हैंL इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी,निबंध तथा लेख है।सयुंक्त संग्रह-`आखर कुंज` सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंL आपको लेखनी के लिए प्रंशसा-पत्र मिले हैंL सोशल मीडिया में भी सक्रिय प्रीति शर्मा की लेखनी का उद्देश्य-प्रेरणार्थ हैL आपकी नजर में पसंदीदा हिन्दी लेखक-मैथिलीशरण गुप्त,जयशंकर प्रसाद,निराला,महादेवी वर्मा और पंत जी हैंL समस्त विश्व को प्रेरणापुंज माननेवाली `असीम` के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“यह हमारी आत्मा की आवाज़ है। यह प्रेम है,श्रद्धा का भाव है कि हम हिंदी हैं। अपनी भाषा का सम्मान ही स्वयं का सम्मान है।”

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