डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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दो एकम दो,
उठते ही मुँह धो।
दो दूनी चार,
स्नान को तैयार।
दो तिया छै,
कहो प्रभु की जै।
दो चोको आठ
खा लो रोटी-साग।
दो पंजे दस,
आई स्कूल बस।
दो छंग बारा,
ये स्कूल तुम्हारा।
दो सत्ते चौदह,
बोल दो सत्ते चौदह।
दो अठ्ठे सोला,
टिफिन है खोला।
दो नम्मा अठारा,
आया घर तुम्हारा।
दो दहाम बीस,
निकाल स्केल सीस।
अब खा लो खाना,
खा के तुम सो जाना॥
परिचय– डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने एम.एस-सी. सहित डी.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। आपकी जन्म तारीख २५ अक्टूबर १९५८ है। अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित डॉ. बाजपेयी का स्थाई बसेरा जबलपुर (मप्र) में बसेरा है। आपको हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। इनका कार्यक्षेत्र-शासकीय विज्ञान महाविद्यालय (जबलपुर) में नौकरी (प्राध्यापक) है। इनकी लेखन विधा-काव्य और आलेख है।