कुल पृष्ठ दर्शन : 397

किसान

वन्दना शर्मा
अजमेर (राजस्थान)

***********************************************************************

प्रथम नमन तुमको हे हलधर।
हरित किया तुमने ही भूधर।
ब्रह्म सरिस तुम भूख मिटाते।
ऊसर रज श्रृंगार सजाते।

गाय बैल सब सखा निराले।
दूध दही से भरते प्याले।
बल और बुद्धि शुद्ध बनाते।
बादल के तम्बू तन जाते।

स्वेद रक्त से बन जब निकले।
धरा हरित सोना तब उगले।
मातृभूमि के जय जवान की।
यही वीरगाथा किसान की।

परिचय-वंदना शर्मा की जन्म तारीख १ मई १९८६ और जन्म स्थान-गंडाला(बहरोड़,अलवर)हैl वर्तमान में आप पाली में रहती हैंl स्थाई पता-अजमेर का हैl राजस्थान के अजमेर से सम्बन्ध रखने वाली वंदना शर्मा की शिक्षा-हिंदी में स्नातकोत्तर और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-नौकरी के लिए प्रयासरत होना हैl लेखन विधा-मुक्त छंद कविता हैl इनकी लेखनी का उद्देश्य- स्वान्तःसुखाय तथा लोकहित हैl जीवन में प्रेरणा पुंज-गुरुजी हैंl वंदना जी की रुचि-लेखन एवं अध्यापन में है|

Leave a Reply