सम्पदा मिश्रा
इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
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आओ देश के वीर सपूतों,
एक नया राष्ट्र बनायें हम…
देश के हर कोने-कोने में,
शिक्षा की अलख जगाएं हम।
बच्चे जो है कर्णधार,
जलते दीये की बाती हैं…
पर शिक्षा से क्यों वंचित है,
जब भारत माँ की थाती हैं।
आओ अपने नेह-प्रेम से,
उनको गले लगाएं हम।
देश के हर कोने-कोने में,
शिक्षा की अलख जगाएं हम॥
साक्षरता बढ़ रही निरन्तर,
फिर भी लोग अशिक्षित हैं…
कुछ थोड़ा ही ज्ञान प्राप्त कर,
द्वेष भाव से पूरित हैं।
ऐसे साक्षर लोगो को ही,
शिक्षित आज बनाएं हम।
देश के हर कोने-कोने में,
शिक्षा की अलख जगायें हम॥
शिक्षा के उन्न्यन के लिए,
सरकारों ने कदम उठाए हैं…
पर लोग स्व-हित के कारण,
व्यवस्था को भरमाए हैं।
ऐसे ढोंगी लोगों को अब,
निष्ठा से सबक सिखाएं हम।
देश के हर कोने-कोने में,
शिक्षा की अलख जगाएं हम॥
शिक्षा की इस अधोगति के,
हम भी कुछ जिम्मेदार हैं…
इसके स्तर गिरने के भी,
हम ही सच्चे हकदार हैं।
त्याग,लगन औ मेहनत से,
खुद को प्रतिबद्ध बनाएं हम।
देश के हर कोने-कोने में,
शिक्षा की अलख जगाएं हम॥
परिचय-लेखनी के लिए आपको श्रेष्ठ शब्द शिल्पी सम्मान मिल चुका है।अर्थशास्त्र की प्राध्यापिका सम्पदा मिश्रा की जन्मतिथि-१५ नवम्बर १९८० और जन्म स्थान-महाराष्ट्र है। इलाहाबाद (राज्य-उत्तर प्रदेश) शहर स्थित अल्लापुर में रहती हैं। एम.ए. एवं बी.एड.आपकी शिक्षा है,और कार्यक्षेत्र-बतौर प्रवक्ता (डाईट-इलाहाबाद) है। आपकी लेखन विधा-गद्य एवं पद्य है। आपने स्वर्ण पदक भी जीता है। लेखन आपका शौक है। लेखन का उद्देश्य-समाज को नई दिशा देना और समाज में ऊर्जा का संचार करना है।