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वन्दे मातरम

ममता तिवारी
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….

रहो तिरंगे की छाया में,है नव युग का नव विहान,
शुभ पर्व है गणतंत्र हमारा,मंगलमयी गाओ गान।

तन भारत है मन भारत है,रग-रग में है हिंदुस्तान,
उन शूर वीरों को नमन करूँ,जो सरजमी हुए कुर्बान।

हम धर्म ज्ञान-विज्ञान प्रदाता,समझे थे वो हमें नादान,
देश प्रेम की बिगुल बजी तो,भागे उठा अपनी जान।

बचा नहीं विकल्प था कोई,थे इस मिट्टी से अनजान,
अपनी पीठ छुरी अपनी ,आँचल माँ का लहूलुहान।

आक्रांता से लोहा लेते,रहे लगातार हलकान,
भान रखें वीरों आहुति,हो गद्दारों का अपमान।

विरासत संस्कृति लूटी,थी युगों से काबिज शान,
अब भी जन कुछ मन से सोए,उठ जाग कर भारत मान॥