इंतजार

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचना शिल्प:मात्रा भार सीढ़ी पँक्ति क्रम-२०-१८-१६-१४- १२-१० मिल पत्थर पर बैठी सोच रही हूँजिस पर धुंधला इंतजार लिखाउस घड़ी की राह तकती हूँहो सूनी आँखों में ख्वाबकहीं ना…

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आ फिर से तू

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तू डाल-डाल,वो पात-पात छुपीअस्तित्व पट। पँखे में फंसी,पँख और तिनकेबेहाल गर्मी। स्वर्ण-सी काया,बंधित विचरणसमाप्त माया। बच्चे पूछे है,चित्र किस प्राणी कापक्षी थे कभी। आ फिर से तू,फुदकती रहनाचुनचुन…

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प्रिय तुम हो बसंत

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** प्रिय तुम हो बसन्त,मैं बसन्ती बयार मदिर मंद-मंद। प्रिय तुम धरा में घुली सुगन्ध,मैं तुम्हारे रंगों में रँगी हुई केसरी रंग। प्रिय तुम हो मादक छंद,मैं हूँ तुम्हारी…

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ऋतुराज बसंत

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. आनन्द है पल्लवित,उमंग में आल्हादित।बसन्तोत्सव उदित,फाग राग चुनती॥ फूल उठे नागफनी,काँटों का नाम नहीं।ऋतुराज आगवानी,पात-पात झूमती॥ शहद हो प्रवाहित,सलिला है समाहित!मानस करे मोहित,सप्त…

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तारों की नजर से

  ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जाती रजनी तिमिर कालिमा,छा रही छोर भोर लालिमा। है ठहरा हुआ एक तारा,सुदूर नील आसमां हारा। करे धरा अवलोक कर ध्यान,उड़ते पखेरू की ऊँचान। खिलती कैसे कुसुम…

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हिंदी भाषा हीं स्वीकार है

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** हिंदी समृद्ध भाषा है,हिंदी उन्नत भाषा है,भाषा के गुण हैहैं सभी,करते क्यों रार है। सभी भाषा है सुंदर,बोली प्रेम समुंदर,सबमें रस मिठास,नहीं तकरार है। संस्कृत की पुत्री हिंदी,सभी…

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वन्दे मातरम

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. रहो तिरंगे की छाया में,है नव युग का नव विहान,शुभ पर्व है गणतंत्र हमारा,मंगलमयी गाओ गान। तन भारत है मन भारत है,रग-रग में है…

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२०२०-हर्षित हूँ तेरी विदाई में

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************************* आँख सुजाई रुलाई,मैं हर्षित हूँ तेरी विदाई में…मृत्यु की सौगात लिए आया,जग में तूने आग लगाईआँसू का सैलाब समेटो,जा रे चला जा खुदाई से।हर्षित हूँ तेरी विदाई में……

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बचा लो पुरूषत्व का नाम

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** बन कर बेटी जन्म लिया, क्या गुनाह कर लिया। जिंदगी मुझसे रही, औरों को मैंने जीवन दिया। फिर क्यों समाज नहीं लेता, मुझको जीने नहीं देता।…

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देश बचाना हमारा भी कर्तव्य

ममता बनर्जी मंजरी दुर्गापुर(पश्चिम बंगाल) ****************************************************************************** सम सामयिक मुद्दा-प्रदूषण और पर्यावरण......... हेमंत ऋतु के आगमन के साथ ही त्योहारों का सैलाब आ पड़ाl धनतेरस,काली पूजा,दीपावली,गोवर्धन पूजा,चित्रगुप्त पूजा,भाईदूज और छठपूजा हो गई।…

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