उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश)
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जन्माष्टमी विशेष…..
द्वापर युग सब करे पुजैया,
सुखमय चलती जीवन नैया
धूमधाम से शादी कर दूं,
सोचने लगा देवकी का भैया।
वासुदेव से हुई सगाई,
दुल्हन चली घर हुई विदाई
आकाशवाणी दी तभी सुनाई,
कंस तेरी अब खैर ना भाई।
आठवाँ पुत्र देवकी का सुन लो,
काल तेरा-राह नेकी की चुन लो
भड़क गया तब अत्याचारी,
तोड़ दी मर्यादा सारी।
देवकी बोले माफ़ी दो भैया,
क्यों बनते इतना निरदैया
किया शर्त तब कंस कसैया,
बच्चों को मारेगा तेरा भैया।
एक-एक कर सातों को मारा,
आठवाँ गर्भ देवकी ने धारा
क्षीर सागर से चले गुसईंया,
देवकी बनी कृष्ण की मैया।
भादो माह अष्टमी तिथि काली,
भगवन ने है कृपा दृष्टि डाली
नंद महल में बजे बधईया,
जन्म ले आए कृष्ण कन्हैया।
कंस की अब डूबन लगी नैया,
कृष्ण चरावें जब धेनु गैया
वंशी बजाके करें ताता-थैया
नाचे ग्वाल संग कृष्ण कन्हैया।
भक्त कारन किया नर तन धारन,
चल दिए पापी कंस संहारन
कंस मार भय मुक्त करैया,
देखो आए कृष्ण कन्हैया।
कहे ‘उमेश’ कि सुनो गुसईंया
भव बीच फंसी है जीवन नैया।
खेना ना जानूँ ना ही खेवैया,
आश तेरी हे कृष्ण कन्हैया॥
परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।