इंदौर(मध्यप्रदेश)
मेरे देश का किसान स्पर्धा विशेष…..

मेरे देश का किसान,
करता नहीं गुमान
न रखे अभिमान,,
है बड़ा महान।
धरती माता के अंचल,
हरियाली जो बोते हैं
अमन चमन की खुशहाली को,
श्रम का बोझा ढोते हैं।
श्ववेत धाम आंधी-वर्षा में,
हँसते कदम बढ़ाते हैं
खेतों में धानी फसलों को,
अपना स्वेद चढ़ाते हैं।
अर्धनग्न तन भूखे रत हैं,
किन्तु नहीं कुम्हलाते
अन्न देश का जुटा रहे,
वो कर्मठ किसान होते।
काली अंधियारी रातों में,
अपनी डगर बनाते
लगे जूझने संघर्षों से,
वे विश्राम न पाते।
माँ समेट लेती गोदी में,
ना महान बन पाते
ये तो श्रम के दीवाने,
श्रम करते मिट जाते।
पले धूल मिट्टी में जन्मे,
इसमें ही मिल जाते।
इनका नहीं कोई सानी,
वे किसान कहलाते॥
परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।