कुल पृष्ठ दर्शन : 408

You are currently viewing परोपकारी

परोपकारी

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
********************************************

हम ईश्वर के प्यारे बच्चे,
नेक कर्म करें बनें सच्चे
अकड़ दिखाकर नहीं तनें,
चलो हम भले मानव बनें।
हम ईश्वर के प्यारे बच्चे…

सरिताएं जैसे देती है जल,
देने का भाव रहे प्रतिपल
पक्षी सुनाते ज्यों मधुर तान,
सकारात्मक बातों से दें ज्ञान।
हम ईश्वर के प्यारे बच्चे…

वृक्षों का जैसे उपकारी भाव,
बनाएं वैसा अपना स्वभाव
हमें भूखा दिखे जो कोई जन,
उसको दे सकें खाने को अन्न।
हम ईश्वर के प्यारे बच्चे…

प्यासे की चाहत होता पानी,
पिलाएं निर्मल जल यह ठानी
मिले जब हीन और लाचार,
सेवा कर्म से निभाएं व्यवहार।
हम ईश्वर के प्यारे बच्चे…

जब मिले कोई मन का हारा,
मधुर वचनों से दें उसे सहारा।
हम देखें जैसे कोई दीन-दुखी,
मदद करकर करें उसे सुखी।
हम ईश्वर के प्यारे बच्चे,
नेक कर्म करें बनें सच्चे॥