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एकता का बंधन…

कवि योगेन्द्र पांडेय
देवरिया (उत्तरप्रदेश)
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देश भक्ति भावना की, मन में उमंग लिए,
प्यारा ये तिरंगा सीमा, पर लहराइए।
शत्रु के समक्ष शीश, झुके नहीं भारत का,
त्याग बलिदान युवा, पीढ़ी को सिखाइए॥

संकट में यदि मातृभूमि का हो स्वाभिमान,
क्रांति की मशाल चहुंओर, ही जलाइए।
विनती है भारत के, नर और नारियों से,
एकता के बंधन में, आप बंध जाइए॥