सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
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योग बनाए निरोगी काया,
नित्य नियम अगर सुख चाहा
सुन्दर उपहार है यह काया,
मनुज, अजानी समझ न पाया।
नित प्रति योग ठान ही लें,
पौष्टिक आहार साथ में लें
स्वस्थ हो तन-संयोग अनूठा,
पुष्ट सुखी हो तन-मन अनूठा।
योग आलस्य दूर भगाए,
निद्रा तंद्रा अनिद्रा भगाए
क्रोध, दुर्बलता, भय मिटाए,
मानसिक सुख स्फूर्ति बढ़ाए।
अष्टांगयोग नित्य ध्यान करेंगे,
तन-मन संवार सुदृढ़ करेंगे
रोग निदान योग करेंगे,
सत्संग व्यायाम नित्य करेंगे।
निरंतर प्राणायाम द्वारा,
प्राण वायु स्वस्थ हो हमारा
अनुलोम-विलोम भ्रामरी द्वारा,
हो मस्तिष्क तंदरुस्त हमारा।
विश्व गुरु योग भारत हमारा,
योग शिक्षा प्रणेता देश हमारा
वेद-पुराण-उपनिषद समाए,
योग प्रचार-प्रसार धार बहाए।
बालक करें एकाग्रता बढ़ाएं,
तरुण चारु तेजवान दिखाएं।
वृद्ध निढाल चुस्ती बढ़ाएं,
उपयोग असंख्य लाभ पाएं॥
परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।