नारी सशक्तिकरण

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** नारी ने जब-जब अपनी शक्ति को पहचाना, पहचान में ही पहचान बनी उसकी नई पहचान। शक्ति का रूप है नारी,सतीत्व की पहचान, नारी से ही जन्मे…

Comments Off on नारी सशक्तिकरण

गाँव और शहर की यादें

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ कैसे भूलूँ मैं,बचपन अपना, दिल दरिया और,समुंदर जैसा। याद जब भी आये वो पुरानी, दिल खिल जाता है बस मेराl और अतीत में खो जाता हूँl…

Comments Off on गाँव और शहर की यादें

संवत्सर पड़वा के प्रणेता जैन सम्राट विक्रमादित्य

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** इतिहास हमेशा विवाद का विषय रहा है,और उससे हमेशा विवाद का रौद्र रूप हो जाता हैl वो तो धन्य हैं इतिहासकार और विद्वान् जिन्होंने अपनी खोज…

Comments Off on संवत्सर पड़वा के प्रणेता जैन सम्राट विक्रमादित्य

माखन चोर..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ माखन चोर- चुरा दिल राधा का... है चितचोर। सुहानी भोर- भक्त के हृदय बसे... मुकुट मोर। मुरलीधर- राधा बिन अधूरे... प्यासे अधर। सुनने…

Comments Off on माखन चोर..

भीतरी दुश्मन

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* देश की सुरक्षा को, केवल बाहरी आतंक से ही नहीं, भीतर छुपे दरिन्दों से भी बचाना होगा। देश को जो अमानवीय तत्वों से, बचाने का…

Comments Off on भीतरी दुश्मन

अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा

सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** आग लगाने वाले आग लगा चुके, पर इल्ज़ाम हवाओं पे ही आएगा। रोशनी भी अब मकाँ देखे आती है, ये शगूफा सूरज को कौन बताएगा।…

Comments Off on अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा

उम्मीद की किरण

वाणी बरठाकुर ‘विभा’ तेजपुर(असम) ************************************************************* अरूणा करवट बदल रही है। 'नहीं,आज भी मुझे नींद नहीं आयेगी।' वो सोच रही है... बार-बार मनोज की याद आ रही है। आठ महीने पहले…

Comments Off on उम्मीद की किरण

दिल अपना दोस्ताना रख

कैलाश भावसार  बड़ौद (मध्यप्रदेश) ************************************************* दिल अपना दोस्ताना रख, दोस्तों से मिलना-मिलाना रख। यूँ ही नहीं कोई बन जाता अपना, दिल में किसी के ठिकाना रख। जहाज के पंछी को…

Comments Off on दिल अपना दोस्ताना रख

आत्मजा

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* 'आत्मजा' खंडकाव्य से अध्याय-६ वन मयूर को रहा न जाता, बिना बुलाये अपना दर्शक रंग-बिरंगे पंख खोल कर, किसे दिखाये नृत्य प्रदर्शक। चातक किसे सुनाये अपनी,…

1 Comment

माँगता हूँ साथ तेरा ओ प्रिये

भानु शर्मा ‘रंज’ धौलपुर(राजस्थान) ***************************************************************** माँगता हूँ मैं शिवा से,साथ तेरा ओ प्रिये, जिंदगी की साँस मेरी,मीत है तेरे लिये। थाम के तू हाथ मेरा,जिंदगी की चल डगर, मैं मुसाफिर…

Comments Off on माँगता हूँ साथ तेरा ओ प्रिये