नारी कमजोर नहीं
संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात) ****************************************************************** आज की नारी इतनी कमजोर नहीं,जो झुक जायेगी, करो चाहे पुरजोर जतन तुम,नहीं वो रुक पायेगी। दिल की सुंदरता कब भला,तेजाब से खत्म हो…