ढूंढ रहे सब छाँव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सूरज आतिश बन गया, तपे नगर औ' गाँव।जीव सभी अकुला उठे, ढूंढ रहे सब छाँव॥ सूरज का आक्रोश है, बिलख रहे तालाब।कुंओं,नदी ने भी ‘शरद’, खो…

Comments Off on ढूंढ रहे सब छाँव

अंकों से परे प्रतिभा को भी आँकिए

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** आजकल जिंदगी की लड़ाई और पेशेवर बनने-बनाने की होड़ ऎसी चल पड़ी है कि, हर जगह आगे ही रहने या होने का मतलब बना दिया गया है।…

Comments Off on अंकों से परे प्रतिभा को भी आँकिए

नारी हूँ

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मैं नारी हूँ इस दुनिया की,जो बेटी बनकर आती हूँ।बनती हूँ मैं ही माॅं सबकी,नवजीवन जग में लाती हूँ॥मैं नारी हूँ… बेटी से पत्नी मै…

Comments Off on नारी हूँ

गृहिणी-खुशियों का सागर

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** घर की मालकिन कहें या भार्या,ज़िन्दगी की खूबसूरत तरंग हैखुशियों के सागर में गोते लगाने में,सबसे बड़ी उमंग है। परिवार की रक्षक,विसंगतियों की भक्षकएक खुशनुमा संसार है,घर-आँगन में सोहबत…

Comments Off on गृहिणी-खुशियों का सागर

तृप्त करो शिव नाथ

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली... स्वर्ग हिमालय की धरा, जहाँ शम्भु का धाम।पावन इस कैलाश को, नमन करूँ अविराम॥ हे गंगाधर प्राण पति, जोड़ूँ दोनों हाथ।गंगा की जलधार…

Comments Off on तृप्त करो शिव नाथ

यादें सिर्फ आती हैं

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* यादें,हमेशा आती हैबचपन की, लड़कपन की,स्कूल में बिताए वो सुनहरे पल की। यादें,सारे मीठे लम्हें दोहराती हैकॉलेज में वो जवां दिलों की महफ़िल,कैंटीन में चाय की…

Comments Off on यादें सिर्फ आती हैं

हसीन मौसम

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** कितना हसीन मौसम कितने हसीन नजारे,खूबसूरत हो गई जिंदगी साथी तेरे सहारे। पल-पल जिंदगी का बिताए हम मिलकर,देखे चाँद-सितारे रात भर जाग करशाम को जा कर बैठे सागर…

Comments Off on हसीन मौसम

मन के मनकों को बिखेरा है हम सबकी झोली में-डॉ. दवे

लोकार्पण.... इंदौर (मप्र)। मनके दो प्रकार से बिखेरे जाते हैं, पहला भाव नकारात्मक होता है जिसमें किसी माला को तोड़कर उसके अस्तित्व को समाप्त करने का भाव प्रधान होता है,…

Comments Off on मन के मनकों को बिखेरा है हम सबकी झोली में-डॉ. दवे

देश के जवान

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** तकदीर आपकी, महान बन जाए यदि,साझेदारी करें आप, कुशल युवाओं सेघर-परिवार औ समाज, का विकास होगा,पुलकित होंगें यदि, संतों की दुआओं से। एक-एक बूँद रक्त, देह…

Comments Off on देश के जवान

वे भी जीते हैं

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** कभी बातें तो हो,झुग्गी-झोपड़ी वालों के संगउनकी दुःख-तकलीफों मेंसांझा करने के लिएवे भी जीते हैं,अपने बाल-गोपाल संगपरिवार की खुशियों में,पुराने फटे चीथड़ों से बनीबड़ी-बड़ी कंपनियों के,प्रचारी रंग-बिरंगी…

Comments Off on वे भी जीते हैं