माँ बिन अधूरी कहानी

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** माँ बिन... माँ से शुरू होती है,हमारी जिंदगानीमाँ बिन है हमारी,अधूरी कहानी। माँ हमारी जन्मदाता,और प्रथम गुरु होती हैइसी से हमारी जिंदगी,शुरू होती है। माँ…

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वृक्ष कल्याणकारी, परिवर्तन स्वीकारें

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** पावन वट सावित्री व्रत जैसे व्रतों से सभी बहनें भावनात्मक रूप से अपने को सहज ही जोड़ लेती हैं और प्रातःकाल से ही इनकी पूजन विधियों में…

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दल दल-इंसान

मीरा जैनउज्जैन(मध्यप्रदेश) ************************************************ कमल के फूल को देख नवयौवना ने अपनी शंका का समाधान चाहा-'मित्र कमल ! एक बात बताओ। तुम इस दलदल के साथ रहकर भी एकदम स्वस्थ, सुंदर,…

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एक अरसे के बाद…

बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** ज़िंदगी में थकावट,स्वभाव में मिलावटकम होती जाती है,एक अरसे के बाद…। चेहरे की बनावट,दिलों की खिलाफतबदल ही जाती है,एक अरसे के बाद…। शब्दों की सजावट,मायूसी और…

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इम्तिहान

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** जिंदगी में वो मकाम आया है,हर रिश्ते ने हमें आजमाया है। कभी सब्र का कभी सहनशक्ति का,हर दिन इम्तिहान चलता आया है। शायद चलेगा तब तक…

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मनुष्य होना कवि होने से बड़ा

इंदौर। मनुष्य होना कवि होने से बड़ा है। और निर्मल शर्मा एक बेहतरीन मनुष्य है जो एक ऐसे भारतीय समाज की परिकल्पना करते हैं, जो समता पर आधारित हो।रविवार को…

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दो हजार…

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दो हजार फिर बंद है, मचा देश भूचाल।दहशत में चोरी जगत, नेता फिर बेहाल॥ दो हजार का नोट भी, हुआ आज से बंद।लूट घूस…

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हो परिवार

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** हो परिवारकाका-काकी से लाड़रखिए प्यार। बिखरे नातेऐसे-कैसे सम्बन्धस्वार्थ निभाते। टूटे समाजघटे प्रेम-संस्कारबची ना लाज। पड़ोसी भलाखटकते माँ-बापकाटते गला। मन अकेलाकहाँ खुशी का मेलानहीं ये भला। सभ्यता बेचीबनावटी…

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प्यार का मौसम

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** प्यार को याद करो,दिल फिर से जवां हो जाताख़्वाब पुराने हो मगर,वो आँखों में फिर चमक दे जाताप्यार का मौसम आने से,मन गुनगुनाता। प्यार का पंछी भी…

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सम्हालो शंभू शिव

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली... चरण वंदना मैं करूँ, नित्य शिवालय धाम।दर्शन की आशा जगी, हे शिव पूरण काम॥ स्वीकारो विनती हरा, तुम हो कृपा निधान।भक्ति-भाव जानूँ नहीं,हूँ…

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