मैं हिन्दी हूँ
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** हिन्दी की बिन्दी… मैं हिन्दी हूँ, जानी पहचानी,नाम पड़ा, जब आए ईरानीयाद करो, वो सिंधु सभ्यता,हिन्द से बने, हम हिन्दुस्तानी। लिपि हमारी, देवनागरी पुरानी,मैं हिन्दी हूँ, भाषाओं की रानीसंस्कृत लगे है, मेरी बहना,उर्दू और फारसी मेरा गहना। स्वर और व्यंजन मेरा खजाना,छंद-अलंकार से इसे सजानापढ़ना-लिखना मान बढ़ाना,प्यार भरे खत इससे सजाना। जग … Read more