क्यों मेरा दिल तोड़ दिया

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** साथ रहने का वादातो तूने दिया,पर उसे छोड़कर आधा…क्यों तूने मेरा दिल तोड़ दिया। मुसीबत में साथ देने की आशा,दिलाकर फिर मेरा दिल जोड़ दियापर उसे भी…

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बेटी जन्मे,खुशी मनाएँ

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************* बेटी करती घर उजियारा।दूर करे जग का अँधियारा॥बेटी होती सबकी प्यारी।लगती है सबसे ही न्यारी॥ सृष्टा की सुंदर सृष्टी है।करती खुशियों की वृष्टी है॥बेटी घर को…

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सच्चे कर्म ही पहचान

अनिल कसेर ‘उजाला’ राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)************************************ जीवन जीने के कई अरमान देता है,वतन के वास्ते जो अपनी जान देता है। सर उठा के कैसे है जिया जाता,भारत ही सभी को ये ज्ञान देता…

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चले जा रहे…

डॉ. उषा किरणमेरठ (उत्तरप्रदेश)******************************************* कुछ रास्ते कहीं भी जाते नहीं हैं,किसी मंजिल तक सफर कुछकभी पहुँचाते नहीं हैं,चल रहे हैं क्यूँकिचल रहे हैं सब,फितरत है चलना…तो चले जा रहे हैं…।…

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माँ…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** माँ मुझे तू निज चरण की धूल दे दे।नेह का माँ तू सुवासित फूल दे दे॥माँ मुझे तू निज… लेखनी को नित नवल तू गान देना,मैं मनुज…

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डालें अच्छे बीज

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* कर्म की फसल सबको ही काटनी पड़ती है,अपने रास्ते की झाड़ी खुद ही छाँटनी पड़ती है।और कोई नहीं बांटता हमारी करनी का कुफल-नफ़रत की धूल खुद ही…

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उम्मीद

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय **************************************** उम्मीदों के भँवर जाल में फँसकर मानव,सपनों के अगणित तानों को तुड़प रहा है। चंचल इन्द्रिय पर संयम के अंकुश डाले,हृदि सरगम में प्रिय गानों…

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तारों की नजर से

  ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जाती रजनी तिमिर कालिमा,छा रही छोर भोर लालिमा। है ठहरा हुआ एक तारा,सुदूर नील आसमां हारा। करे धरा अवलोक कर ध्यान,उड़ते पखेरू की ऊँचान। खिलती कैसे कुसुम…

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समकालीन विद्रूपताओं को लघुकथाओं का विषय बनाना होगा-प्रो. खरे

लघुकथा सम्मेलन.... मंडला(मप्र)। अधिकांश लघुकथाएं काफी संतोष देती हैं। युवा पीढ़ी के लघुकथाकारों को मेरा परामर्श है कि वे लघुकथा की विषयवस्तु अपने सामाजिक जीवन से लें,साथ ही साथ समकालीन…

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ऋणी सदा हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************* ममता समता मातु है,नित गीता का ज्ञान।दिवस रात्रि माँ है जगत,नवप्रभात वरदान॥ मातु भवानी शारदा,करुणा सिन्धु अपार।अम्ब रूप जग चारुतम,हृदय प्रीत आगार॥ माँ जीवन…

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