नसीब

मनोरमा चन्द्रारायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* सुख-दु:ख मिले नसीब से,होना नहीं उदास।दृढ़ निश्चय से कर्म कर,मानव जीवन खास॥ किस्मत खेले खेल अति,हुआ बहुत नुकसान।फसलों में ओले पड़े,छीने मुख मुस्कान॥ भाग्य उदय कर लें चलो…

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कर्मों का हिसाब

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ हम उतने भी बुरे नहीं,जितना लोगों ने बनाया हैमासूम थे तभी तो मुझे,अपनों ने सताया है। नहीं काम आई,दिल की अच्छाइयाँ मुझेमैं नहीं जानती थी,कि सगों ने भरमाया…

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दिल्ली पहुंचकर मारे गए गुलफाम…

नवेन्दु उन्मेषराँची (झारखंड) *************************************** 'तीसरी कसम' फिल्म का हीरामन अपनी बैल गाड़ी हांकता हुआ किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गया। उसके दिल्ली पहुंचते ही अन्य किसानों…

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जिन्दगी रोज़ सिखलाती है

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* जिन्दगी हमें हर मोड़ पर रोज़ आज़माती है,कुछ नई रोज़ हमें बतलाती और सिखलाती है।सुनते नहीं हम बात अंतरात्मा की अपने स्वार्थ में-ईश्वरीय शक्तियाँ भी हमें यह…

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प्रीत लगी तुम्हारे नाम की…

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* प्रीत लगी तुम्हारे नाम की,अब जिया नाहीं लागे मेरानजर जिधर-जिधर करूं मैं,दिखे नहीं पिया झलक तेरी। अपनी झलक तू दिखा मुझको,बिन देखे चैन नहीं आए मुझकोबिरह…

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अपमान नहीं होने देंगे

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ हम भारत माँ के झंडे का,अपमान नहीं होने देंगे।उन कृषक वेश गद्दारों कासम्मान नहीं होने देंगे॥ यों धोखेबाज छली कपटी,हो सकता नहीं अन्नदाताऔरों को जीवन देने को,जो खुद…

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कितना प्यारा समय

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** वेशभूषा बदल के आते हैं,हाल बेहतर मेरे बनाते हैं।कर्म अपने लिए ही करता हूँ,जाने कैसे वो जान जाते हैं॥वेशभूषा बदल के… पास जो खुद…

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क्या हमें नहीं पता!

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* ये कौन परेशान है,क्या देश का किसान है।क्या हमारी है खता,क्या हमें नहीं पता… ? मजहबी बयार है जी,देश में दरार है जीनाम का किसान है,हाथ…

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यह सचमुच हमारे ‘कोरोना योद्धा’

दिपाली अरुण गुंडमुंबई(महाराष्ट्र)***************************** 'जरा याद करो कुर्बानी,ऐ मेरे वतन के लोगोंजरा आँख में भर लो पानी।जो शहीद हुए हैं उनकी,ज़रा याद करो कुर्बानी।'जी हाँ! बिल्कुल सही पहचाना आपने। यह पंक्तियाँ…

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यशस्वी है वतन मेरा,मैं इस पे नाज़ करता हूँ

ऑनलाइन काव्य सम्मेलन.... मंडला(मप्र)। अखिल भारतीय साहित्य सदन के गत दिवस आयोजित ऑनलाइन काव्य सम्मेलन में अनेक रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। सुपरिचित साहित्यकार प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे के सस्वर प्रस्तुत…

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