साहित्यिक संस्थाओं को शोध केंद्र की तरह काम करना चाहिए

सम्मेलन.. भोपाल (मप्र)। साहित्यिक संस्थाओं को भाषा के क्षेत्र में शोध केंद्र की तरह काम करना चाहिए। यह बात मप्र उर्दू अकादमी की निदेशक और मुख्य अतिथि डॉ. नुसरत मेहदी ने कही। अवसर रहा हेमंत फाउंडेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री के राष्ट्रीय सम्मेलन का। राजीव गांधी सभागार (भोपाल) में यह सम्मेलन ३ सत्रों में हुआ। … Read more

आधुनिकता से बंटाधार

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आधुनिकता बंटाधार किया, खान-पान की सुचिता को,देखा-देखी पर रुचि खाते, परे रखे निज रुचिता कोठूंसे इतना पेट में माल, पचन तंत्र हुआ विद्रोही,इस कारण रोगी बन भटके, चिकित्सालय का बटोही। जीवन-शैली बिगड़ी ऐसी, आपा-धापी का नर्तन,रेखा लांघ खाद्य-अखाद्य की ,रहन-सहन भी परिवर्तनमानव पाचन संरचना है सात्विक फल शाकाहारी,जीव को जीव भक्षण करता, … Read more

लाड़ली बेटी याद रखना

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* अम्मा की शिक्षा सासरे ले जाना बेटी तुम साथ में,अब पिता तुम्हारे दे दिए हैं, तुमको पति के हाथ में। बचपन से तुमको मिली है शिक्षा, तुम सदैव याद रखना‌,सास-ससुर की सेवा, माता-पिता समान किया करना। ऊँची आवाज में बात ना करना, माता-पिता हो जाएंगे बदनाम,पढ़ा-लिखा विद्वान बनाया तुझे, करते रहना … Read more

पालनहार हूँ सदा तुम्हारी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* प्रकृति और खिलवाड़… ओ मानव जरा देखो चक्षु से,तड़पती हूँ वर्षों से मैं प्रकृतिसमझो मुझे अपने हृदय से,हूँ सदा समर्पित तुम्हारे लिए। मिटाती तुम्हारी प्यास क्षुधा,मैं पालनहार हूँ सदा तुम्हारीमातृत्व से मैं सिंचित करती,अन्न पेड़ पौधे सारे जीव-जंतु। वन पर्वत समतल बदल रहे,माँ वसुधंरा हो रही व्याकुलविकृत होए नदी-तट का … Read more

भारत की अघोषित राजभाषा, राज्यभाषा व राष्ट्रभाषा है ‘अंग्रेजी’

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* गणतंत्र दिवस विशेष-१ भारत में जब भी भाषा की बात होती है तो सबसे पहले राष्ट्रभाषा और राजभाषा पर बहस प्रारंभ हो जाती है। सभी भारतवासी भली-भांति जानते हैं कि स्वतंत्रता के समय हिंदी ने स्वतंत्रता संग्राम के संपर्क की भाषा की भूमिका अदा की थी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विनोबा … Read more

‘पंखुरियां’ लोकार्पित

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इंदौर (मप्र)। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद की सचिव व इन्दौर लेखिका संघ की सदस्या श्रुति चौधरी के प्रथम काव्य संकलन ‘पंखुरियां’ का श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में लोकार्पण हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्ष साहित्यकार डॉ.पद्मा सिंह, मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेई और विशिष्ट अतिथि व चर्चाकार साहित्यकार आशा जाकड़ रही।

मीनाक्षी कुमावत को समाज ने किया सम्मानित

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अहमदाबाद (गुजरात)। कुमावत समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में लेखक-शिक्षक मीनाक्षी कुमावत ‘मीरा’ को समाज का नाम रोशन करने के लिए पदक और शॉल से सम्मानित किया गया। उन्हें समाज में नारी की उच्च शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में बतौर लेखिका के रूप में जागृति लाने के उपलक्ष्य में सम्मानित किया गया। मीनाक्षी कुमावत … Read more

इस बात को ना भूलो भाई

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** आज तुम बहुतनामी-गिरामी हो,हर महफिल में चर्चेहोते हैं तुम्हारे,तुम्हारी कामयाबी के किस्सेतुम सुनाते हो,जो बैठे होते हैं सामने। एक बात हर बारभूल जाते हो तुम,तुम्हारी कामयाबी मेंशामिल हैं दोस्त तुम्हारे।कभी उनका भी तो,जिक्र करते जाना भाई…॥ परिचय-हिंदी लेखन से जुड़े अरुण वि.देशपांडे मराठी लेखक,कवि,बाल साहित्यकार व समीक्षक के तौर पर जाने जाते हैं। … Read more

भविष्य की तो मानो चिंता ही नहीं

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** प्रकृति से खिलवाड़… आज इस इक्कीसवीं सदी तक पहुँचते-पहुँचते हम शिक्षित तो खूब हुए, पर हमने प्रकृति का ध्वंस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कभी-कभी तो यूँ लगता है कि हमारी सारी प्रगति और उन्नति के मूल में यह विध्वंस ही छिपा है। हमने प्रकृति का सारा संतुलन बिगाड़ कर रख … Read more

सुभाष:भारत माँ का लाड़ला

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)*********************************************** सदा अथक संघर्ष ने, माँ भारत के त्राण।आत्मबल विश्वास दे,कर सुभाष निर्माण॥ भारत माँ का लाड़ला, महावीर सम पार्थ।मेधावी था अति प्रखर, दानवीर परमार्थ॥ मेरूदंड स्वाधीनता, महाक्रान्ति संघर्ष।कर तन मन अर्पण वतन, तज शासन उत्कर्ष॥ बँधी गुलामी पाश में,भारत माँ अवसाद।देखी सुभाष जन यातना, गोरों का उन्माद॥ आ उबाल रग … Read more