तुम जहाँ हो…
सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* जिन अंधेरों से तुम गुजर रहे हो उन्हीं अंधेरों में, मैं अपने उजालों से झुलस रही हूँ। तुम जिन तनहाइयों में बिखर रहे हो उन्हीं तनहाइयों…
सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* जिन अंधेरों से तुम गुजर रहे हो उन्हीं अंधेरों में, मैं अपने उजालों से झुलस रही हूँ। तुम जिन तनहाइयों में बिखर रहे हो उन्हीं तनहाइयों…
डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली) ********************************************************************** इस १७ वें आम चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी, उसका स्वरुप क्या होगा,और देश की राजनीति की दिशा क्या होगी,ये सवाल लोगों के दिमाग…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** रात दिवस रत खेत में,लघुकिसान कर काम। सुविधा जो सरकार दी,उन्हें मिले न दामll रैयत जो हैं खेत के,उठा रहे हैं लाभ। कामगार…
सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** जैसे गर्मी बढ़ रही है,पार्क में बरसाती मेंढकों की तरह कसरत करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले तो बूढ़े कैलोस्ट्राल…
सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** न जाने किनका ख्याल आ गया। रूखे-रौशन पे जमाल आ गया। जो झटक दिया इन जुल्फों को, ज़माने भर का सवाल आ गया। मैं मदहोश…
रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** जीवन आधार है खुशी, सुखद उदगार है खुशी। कौन गम से दो-चार चाहता है होना, सभी का प्यार है खुशी। माता-पिता प्रथम कहलाना सौभाग्यसंग…
निर्मल कुमार जैन ‘नीर’ उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ पहाड़ों से गिरते झरनों में, कल-कल बहती नदियों में, कविता बिखरी पड़ी हैl प्रकृति की सुरम्य गोद में, पंछियों के मधुर कलरव में,…
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** नज़र इसकी,नज़र उसकी नजारा इक,नज़रिये दो, मुक़ाबिल तो,है होना ही वजह हो,चाहे या ना होl कर है प्रार्थना नित ये परस्तिश रोज करता वो,…
शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आषाढ़ का एक दिन मोहन राकेश जी का प्रथम ऐतिहासिक नाटक है,जो रंग शिल्प सम्बन्धी संभावनाओं के नए क्षितिज खोजता प्रतहत होता है। प्रत्येक लेखक…
डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात ) **************************************************************** जल है भारी संकटग्रस्त, व्यर्थ पदार्थ वाहित मल औद्योगिक अपशिष्ट कीटनाशी पदार्थ, उवर्शकों के रासायनिक तत्व पट्रोलियम पदार्थ जिनसे जल जीवन की रक्षा…